नई दिल्ली । दिल्ली पुलिस ने राजधानी में पहली बार ध्वनि प्रदूषण फैलाने वाले का चालान किया है। मध्य जिला पुलिस ने साउंड लेवल मीटर से रविवार और सोमवार को तीन लोगों पर कार्रवाई की। हर आरोपी का चालान 5000 रुपये का किया गया। दिल्ली पुलिस प्रदूषण फैलाने वालों से सख्ती से पेश आएगी। न सिर्फ वायु प्रदूषण बल्कि धवनि प्रदूषण को कारण भी आम लोगों का जीवन प्रभावित होता है। इसकी वजह से लोगों की सुनने की क्षमता पर बुरा असर पड़ता है और चिड़चिड़ेपन की समस्या हो जाती है। सीपी संजय भाटिया ने बताया, पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 2000 के तहत दिन और रात में विभिन्न क्षेत्रों के लिए डेसिबल की सीमा नियत की गई है। हालांकि, अभी तक ध्वनि प्रदूषण का स्तर मापकर चालान करने की मशीन दिल्ली पुलिस के पास नहीं थी। लेकिन इसके लिए साउंड लेवल मीटर मिलने से पुरानी दिल्ली के इलाकों में विशेष तौर पर अभियान चलाया जा रहा है। डीसीपी संजय भाटिया ने बताया कि इस अभियान के तहत टीएसआर, तेज हॉर्न वाले बाइक एवं डीजे पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इस मीटर से पहला चालान रविवार को चांदनी महल इलाके में 145.55 डेसिबल में डीजे चला रहे शख्स का किया गया। चांदनी महल पुलिस रविवार को गश्त कर रही थी तभी उन्होंने मोहम्मद अशरफ को तेज आवाज में डीजे बजाते सुना था। इसके अलावा दूसरा चालान रविवार को ही चांदनी महल इलाके में बाइक सवार का किया गया। बाइक सवार ने हॉर्न को मोडिफाई कराया था, जिसकी आवाज 113 डेसिबल के करीब थी। इसकी वजह से बेवजह इलाके में शोर हो रहा था। डीसीपी ने बताया, सोमवार शाम को जामा मस्जिद इलाके में तेज आवाज में स्टीरियो बजाने के कारण एक ऑटो रिक्शा का चालान किया गया। ऑटोचालक आमिर खान को रोककर जब स्टीरियो की आवाज की जांच की गई तो वह 108.31 डेसिबल थी। आमिर ने ऑटो का कोई कागज भी नहीं प्रस्तुत किया जिसकी वजह से अन्य धाराओं में भी कार्रवाई की गई। डॉक्टरों की मानें तो ध्वनि प्रदूषण का असर लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ रहा है। एम्स के नाक, कान,गला विभाग के डॉक्टर अमित चिरोम बताते हैं, 100 डेसिबल के ध्वनि प्रदूषण में डेढ़ घंटे से अधिक समय तक रहना बेहद नुकसानदायक है। यह सीधे सुनने की क्षमता को प्रभावित करता है। 100 डेसिबल से अधिक ध्वनि में कुछ ही समय रहने पर सुनाई देना बंद तक हो सकता है। ध्वनि प्रदूषण से लोगों में तनाव, तेज सिरदर्द, मांसपेशियों में जकडन और चिड़चिड़ापन जैसी समस्याएं बढ़ रही है। शोर-शराबे में अधिक देर तक रहने से बचना बेहद जरूरी है।
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दिल्ली में पहली बार ध्वनि प्रदूषण फैलाने पर काटा चालान