ब्रेक्सिट मामले को लेकर ब्रिटेन में घमासान जारी है। यहां की प्रधानमंत्री थेरेसा मे ने प्रमुख विपक्षी दल लेबर पार्टी के नेता जेरेमी कॉर्बिन से आपसी 'मतभेदों को दरकिनार करने' और ब्रेक्सिट समझौते पर अपनी सहमति देने का आग्रह किया है। खबर के अनुसार, ब्रिटेन को 29 मार्च को यूरोपीय संघ (ईयू) से अलग होना था, लेकिन मे के विदड्रॉल एग्रीमेंट (ईयू से अलग होने के समझौते) को ब्रिटिश सांसदों द्वारा तीन बार नामंजूर कर दिए जाने के बाद इसकी तारीख को 31 अक्टूबर तक बढ़ा दी गई। थेरेसा अब अपने समझौते को संसद से पारित कराने के लिए लेबर पार्टी से समर्थन हासिल करने का प्रयास कर रही हैं। रविवार को प्रकाशित एक लेख में मे ने लिखा, यह स्पष्ट है कि मतदाताओं ने अपना फैसला मुख्य तौर पर इस आधार पर दिया है कि वेस्टमिंस्टर में क्या हो रहा है और क्या नहीं। और, प्रधानमंत्री के तौर पर मैं इसके लिए अपनी जिम्मेदारी को पूरी तरह स्वीकार करती हूं। उन्होंने कहा, "मतदाता हमसे जनमत संग्रह के परिणाम को हासिल करने की अपेक्षा कर रहे हैं। अब तक, संसद ने उस समझौते को नामंजूर कर दिया है, जो मैंने पेश किया।"
मे ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि वह लेबर पार्टी के साथ मिलकर इस मुद्दे का कोई 'एकीकृत' समाधान खोज पाएंगी। हालांकि, उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि 'उनके सहकर्मियों को यह फैसला असुविधाजनक लगेगा और सच कहूं तो, खुद मैं भी यह नहीं चाहती।' लेबर पार्टी और कंजर्वेटिव्ज के बीच वार्ता मंगलवार को फिर से शुरू होगी। एक अखबार के मुताबिक, मे तीन मुद्दों पर समझौता करेंगी -सीमा शुल्क, माल संरेखण और श्रमिकों के अधिकार। समाचार पत्र ने कहा कि वह ईयू के समक्ष एक संपूर्ण, लेकिन अस्थायी सीमा शुल्क व्यवस्था की योजना रख सकती हैं, जो कि अगले आम चुनाव तक के लिए होगी। शनिवार को पूर्व कंजर्वेटिव नेता इयान डंकन ने कहा था कि लेबर पार्टी के साथ समझौता करना उचित नहीं होगा।
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ब्रेक्सिट मामले में पीएम थेरेसा ने मतभेदों को दरकिनार कर जेरेमी कॉर्बिन से सहमति देने का किया आग्रह