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लॉकडाउन के नौ महीने बाद खुले जगन्नाथ मंदिर के कपाट, भक्त कर रहे पूजा-अर्चना

लॉकडाउन के नौ महीने बाद खुले जगन्नाथ मंदिर के कपाट, भक्त कर रहे पूजा-अर्चना

नई दिल्ली । महामारी कोविड-19 के घातक वायरस के कारण मार्च महीने से देश में लॉकडाउन लागू हुआ था। तब उद्योग-व्यापार और रेल-बस के पहिए थम गए थे। धार्मिक स्थलों पर भी ताले लटक गए थे। देश में अनलॉक शुरू हुआ तो कई इलाकों में मंदिर और अन्य धार्मिक स्थल खोलने की इजाजत दे दी गई थी, लेकिन ओडिशा के पुरी का जगन्नाथ मंदिर अब तक बंद था। अब जगन्नाथ मंदिर भी खुल गया है।
लॉकडाउन की शुरुआत से अब तक सिर्फ पुजारियों को ही मंदिर में प्रवेश मिल रहा था और यह सिलसिला आज 24 दिसंबर तक चला। हालांकि, हफ्ते भर से मंदिर प्रबंधन समिति और स्थानीय प्रशासन ने मंदिर के पंडे-पुजारियों के परिजनों को पूरे प्रोटोकॉल सहित मंदिर में भगवान जगन्नाथ के दर्शन की इजाजत दी है। मंदिर के सेवाधिकारी इप्सित प्रतिहारी ने बताया है कि 25 दिसंबर से साल की आखिरी तारीख यानी 31 दिसंबर तक पुरी के स्थानीय लोग भगवान जगन्नाथ के दर्शन कर सकेंगे। इसके लिए वार्ड के मुताबिक दिन तय कर दिए गए हैं। फिर अगले दो दिन यानी 2021 की पहली और दूसरी तारीख को मंदिर के द्वार श्रद्धालुओं के लिए बंद ही रहेंगे।
प्रतिहारी के मुताबिक जगन्नाथ पुरी के नागरिकों को भी कोरोना निगेटिव होने का प्रमाण पत्र भी साथ लेकर आना होगा। इसके साथ ही कोरोना वायरस के सभी प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करना अनिवार्य होगा। सैनिटाइजेशन भी होगा और मास्क, हाथों में दस्ताने लगाना भी अनिवार्य होगा। सोशल डिस्टेंसिंग से जुड़े प्रावधानों का भी पालन करना होगा। साथ ही, श्रद्धालु गरुड़ स्तंभ सहित किसी भी चीज या दीवार, चौखट, सीढ़ी, रेलिंग आदि का स्पर्श नहीं कर पाएंगे।
1 और 2 जनवरी को बंद रहेंगे कपाट:
साल 2021 के पहले दो दिन, यानी 1 और 2 जनवरी को जगन्नाथ मंदिर के कपाट बंद रहेंगे। इन दो दिन भगवान जगन्नाथ के मंदिर में पंडे और पुजारी ही प्रवेश कर सकेंगे। 3 जनवरी से मंदिर आम श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया जाएगा। भगवान जगन्नाथ के दर्शन करने पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को अपने साथ कोरोना निगेटिव होने का प्रमाण पत्र और दर्शन पर्ची लेकर पहुंचना होगा। श्रद्धालुओं पर नजर रखने के लिए मंदिर प्रशासन ने चाक-चौबंद इंतजाम किए हैं।
इप्सित प्रतिहारी ने बताया कि मंदिर से करीब एक किलोमीटर दूर पार्किंग स्थल से श्रद्धालुओं को पैदल आना होगा। मंदिर में सुरक्षा के लिए तीन स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की गई है। मंदिर के सिंह द्वार से पहले ही शारीरिक और सामाजिक दूरी के साथ उनकी इलेक्ट्रॉनिक तौर पर जमा तलाशी होगी। इसके बाद इलेक्ट्रॉनिक जांच गेट से गुजरते हुए श्रद्धालु जगन्नाथ मंदिर के विशाल प्रांगण में प्रवेश करेंगे। दर्शन करके निर्धारित द्वार से वे मंदिर से बाहर निकलेंगे।
 

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