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लॉकडाउन में लेन-देन ऑनलाइन हुआ तो जालसाज भी हुए हाईटेक

लॉकडाउन में लेन-देन ऑनलाइन हुआ तो जालसाज भी हुए हाईटेक

नई दिल्ली । कोरोना महामारी के कारण लगे लॉकडाउन में लोगों ने पैसे का लेन-देन ऑनलाइन किया तो जालसाज भी हाईटेक हो गए। जालसाजों ने अलग-अलग तरीके से लोगों को ठगना शुरू कर दिया। जालसाजों ने नए ट्रेंड के साथ ठगी के नए तरीके अपनाए। इससे दिल्ली में साइबर अपराध 62 फीसदी बढ़ गये। साइबर अपराध हुआ तो दिल्ली में, मगर जालसाज या तो विदेश में या फिर दूसरे राज्यों में के थे। अलग-अलग राज्यों के जालसाजों ने ठगी के अलग-अलग तरीके अपनाए।
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की साइबर क्राइम यूनिट ने एक रिपोर्ट में कहा कि दिल्ली में डेबिट क्रेडिट कार्ड, ई-वॉलेट से संबंधित, कॉलिंग व फिशिंग के जरिये और इंटरनेट बैंकिंग संबंधित धोखाधड़ी से जुड़े अपराध 62 फीसदी बढ़े हैं। जनवरी महीने में साइबर अपराध के 1500 मामले  दर्ज हुए। फरवरी में 2000 और मार्च में 1500 शिकायतें थीं। लॉकहाउन लगते ही अप्रैल से ही साइबर अपराध में रिकॉर्ड उछाल आया और शिकायतें 3500 तक जा पहुंची। मई में 4500, जून में 3000, फिर जुलाई में 4500 जा पहुंचीं। अगस्त में 3500 और सितंबर में 3000 शिकायतें मिलीं। अक्तूबर में 2900 और नवंबर में 2500 साइबर अपराध की शिकायतें मिलीं। 22 दिसंबर तक 2000 शिकायतें मिल चुकी हैं।  खास बात ये है कि 62 फीसदी मामले लेन देन धोखाधड़ी के, 24 फीसदी सोशल मीडिया से जुड़े और 14 फीसदी मामले हैकिंग, डेटा चोरी, दूसरे की फोटो के दुरुपयोग के थे।
- जालसाजों ने ठगी के अलग-अलग तरीके अपनाए
रिपोर्ट में कहा गया है कि अलग-अलग राज्यों के जालसाजों ने ठगी के लिए अलग-अलग तरीके अपनाए। बिहार, झारखंड, बंगाल के बॉर्डर एरिया और जामताड़ा के जालसाजों ने सिम अपग्रेड, यूपीआई, केवाईसी अपडेट के नाम पर ठगी की। मेवात, नॉर्थ इंडिया के चुनिंदा इलाकों के जालसाजों ने फर्जी सोशल मीडिया प्रोफाइल बनाकर ठगी की। क्यूआर कोड से जुड़े भुगतान, पेटीएम, ओएलक्स, जस्ट डायल के जरिये ठगी अधिकतर मेवाती रीजन से हो रही है। दिल्ली-एनसीआर के जालसाजों ने कॉल सेंटर के जरिये दिल्ली के लोगों को ठगा। राजस्थान व बिहार के जालसाजों ने फर्जी सरकारी वेबसाइट के जरिये दिल्ली के लोगों को ठगा।

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