साहिबाबाद । यूपी गेट पर आंदोलन के 31वें दिन शनिवार को किसानों की संख्या 10 से 12 हजार हो गई। साथ ही आने वाले दिनों में संख्या तेजी से बढ़ने की संभावना है। यूपी बॉर्डर से लेकर नोएडा सेक्टर-62 तक एक्सप्रेसवे की एक साइड में किसानों का कब्जा है जो किसी भी वक्त पूरे एक्सप्रेसवे को जाम कर सकते हैं। युवा किसानों ने कुछ ही मिनटों पर 14 लेन पर चक्का जाम कर दिया, जिसे खुलवाने में पांच घंटे लग गए। आने वाले दिनों में यहां पर किसानों की संख्या और तेजी से बढ़ने की संभावना है। माना जा रहा है कि दो दिनों में यूपी गेट पर डेरा डालने वाले किसानों की संख्या करीब 15 हजार तक पहुंच सकती है। इससे साफ है कि आने वाले दिन आंदोलन के लिहाज से काफी अहम हैं, जिसको लेकर पुलिस और प्रशासन भी अलर्ट है। वहीं एक किसान ने मंच पर काननों को वापस न लेने पर आत्मदाह की चेतावनी दी। उधर, शनिवार को मंच पर 11 नए किसानों ने भूख हड़ताल सुबह आठ बजे से शुरू की। शाम को राकेश टिकैत ने एक युवा किसान को पानी पिला कर भूख अनशन तुड़वाया। भूख हड़ताल पर बैठने वाले किसानों में सुनील कुमार, सिमरन सिंह, गुरुवर सिंह, धर्मपाल सिंह, अवतार सिंह, प्रताप सिंह, मनजीत सिंह, हर्षित सिंह, मिंटू बाजवा, गवेंद्र सिंह और प्रभजोत सिंह चीमा शामिल रहे। दोपहर में जिला एमएमजी अस्पताल से डॉ. प्रमोद त्यागी और डॉ. निरंक कुमार व प्रवेश आलम ने इन सभी का ब्लड प्रेशर व पल्स रेट जांचा। जिसमें सभी की रिपोर्ट सामान्य रही। आंदोलन में किसानों के मंच से कई वक्ताओं ने अपने विचार रखे। इस बीच किसान नेता बलराज भाटी ने कहा कि कृषि कानूनों को सरकार किसानों के हितों में बता रही है, लेकिन जब पूरे देश का किसान सड़कों पर है तो फिर कैसे यह कानून हमारे हितों में हो सकता है। सिर्फ सरकार के मंत्री और अन्य नुमाइंदे ही इस कानून की सराहना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कृषि कानून के समर्थन में किराए पर लोगों को लाया जा रहा है। इस बीच उन्होंने चेतावनी दी कि तीनों कृषि कानूनों को यदि केंद्र सरकार वापस नहीं लेती है तो वह एक जनवरी को हाइवे पर आत्मदाह करेंगे। करगिल युद्ध में अपने शरीर के पैर की क्षति सहने वाले एक मेजर ने भी मंच पर पहुंचकर आंदोलन का समर्थन दिया। इससे पहले पंजाबी गायक लख्खा सिंह सदाना ने भी मंच से किसानों का अपनी गायकी से मनोरंजन किया।
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किसानों का एक्सप्रेसवे पर कब्जा, यूपी गेट पर संख्या 10 हजार के पार,