मुंबई । फर्जी टीआरपी केस में रिपब्लिक टीवी के एडिटर-इन-चीफ अर्नब गोस्वामी पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है। मामले की जाँच कर रही क्राइम इंटेलिजेंस यूनिट ने किला कोर्ट में उन पर रिश्वत देने का लिखित आरोप लगाया है। पिछले सप्ताह क्राइम इंटेलिजेंस यूनिट ने ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल के पूर्व सीईओ पार्थ दासगुप्ता को गिरफ्तार किया था। मुंबई क्राइम ब्रांच ने पार्थ दासगुप्ता को फर्जी टीआरपी केस का मास्टरमाइंड भी बताया है। दासगुप्ता बार्क में साल 2013 से 2019 तक सीईओ के पद पर रहे। बार्क में कामकरने वाले रोमिल रामगढ़िया को करीब एक पखवाड़े पहले अरेस्ट किया गया था। आरोप है कि इन आरोपियों ने कुछ अन्य आरोपियों की मदद से साजिशन टाइम्स नाउ को नंबर 1 से नंबर 2 किया और रिपब्लिक टीवी को अवैध तरीके से नंबर वन बनाया।
इस केस में अब तक 15 लोग गिरफ्तार किए गए हैं। रिपब्लिक टीवी से अब तक डिस्ट्रीब्यूशन हेड घनश्याम सिंह और विकास खानचंदानी गिरफ्तार हो चुके हैं। सोमवार की रिमांड एप्लीकेशन में रिपब्लिक टीवी से ही बतौर पाहिजे आरोपी प्रिया मुखर्जी, एस.सुंदरम, शिवेंदू मुल्हेरकर और रणजीत वॉल्टर के नाम हैं।
इंटीरियर डिजाइनर अन्वय नाइक और उनकी मां कुमुद को आत्महत्या के लिए कथित रूप से उकसाने के मामले में पिछले महीने अर्नब गोस्वामी को दो अन्य आरोपियों फिरोज शेख और नीतीश शारदा के साथ गिरफ्तार किया गया था। बाद में तीनों को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद जमानत पर छोड़ दिया गया था।
लीगल
फर्जी टीआरपी केस में अर्नब गोस्वामी पर गिरफ्तारी की तलवार लटकी