नई दिल्ली। नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन ने देश में चर्चा और असहमति की गुंजाइश कम होते जाने को लेकर रोष प्रकट किया है। साथ ही, उन्होंने दावा किया कि मनमाने तरीके से देशद्रोह के आरोप थोप कर लोगों को बगैर मुकदमे के जेल भेजा रहा है। हालांकि, अकसर ही सेन की आलोचना के केंद्र में रहने वाली भाजपा ने इस आरोप को बेबुनियाद करार दिया है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि इन कृषि कानूनों की समीक्षा करने के लिए एक ‘‘मजबूत आधार'' है। उन्होंने कहा, ‘‘कोई व्यक्ति जो सरकार को पसंद नहीं आ रहा है, उसे सरकार द्वारा आतंकवादी घोषित किया जा सकता है और जेल भेजा सकता है। लोगों के प्रदर्शन के कई अवसर और मुक्त चर्चा सीमित कर दी गई है या बंद कर दी गई है।''
प्रख्यात अर्थशास्त्री ने इस बात पर दुख जताया कि कन्हैया कुमार, शेहला राशिद और उमर खालिद जैसे युवा कार्यकर्ताओं के साथ अक्सर दुश्मनों जैसा व्यवहार किया गया है। जबकि उन्हें गरीबों के हितों के प्रति उनकी कोशिशों को शांतिपूर्ण ढंग से आगे बढ़ाने का अवसर दिया जाना चाहिए था।'' अर्थशास्त्री ने कहा, ‘‘जब सरकार गलती करती है तो उससे लोगों को नुकसान होता है, इस बारे में न सिर्फ बोलने की इजाजत होनी चाहिए, बल्कि यह वास्तव में जरूरी है। लोकतंत्र इसकी मांग करता है !'' उल्लेखनीय है भाजपा नीत सरकार के बारे में सेन के विचारों को अक्सर ही विपक्ष के समर्थन में देखा जाता है। सेन ने यह भी कहा कि भारत में वंचित समुदायों के साथ व्यवहार में बड़ा अंतर मौजूद है। उन्होंने कहा, ‘‘शायद सबसे बड़ी खामी, नीतियों का घालमेल है, जिसके चलते बाल कुपोषण का इतना भयावह विस्तार हुआ है। इसके उलट, हमें विभिन्न मोर्चों पर अलग-अलग नीतियों की जरूरत है। कोविड-19 महामारी से लड़ने की देश की कोशिशों पर सेन ने कहा कि भारत सामाजिक मेलजोल से दूरी रखने की जरूरत के मामले में सही था, लेकिन बगैर किसी नोटिस के लॉकडाउन थोपा जाना गलत था। उन्होंने कहा, ‘‘आजीविका के लिए गरीब श्रमिकों की जरूरत को नजरअंदाज करना भी गलती थी।'' उन्होंने मार्च के अंत में लॉकडाउन लागू किए जाने के बाद करोड़ों लोगों के बेरोजगार जो जाने और प्रवासी श्रमिकों के बड़ी तादाद में घर लौटने का जिक्र करते हुए यह कहा।
रीजनल ईस्ट
अमर्त्य सेन ने छेड़े 'देशद्रोह' राग के तार, देश में चर्चा और असहमति की गुंजाइश घटी -मनमाने तरीके से देशद्रोह के आरोप थोप कर लोगों को बगैर मुकदमे के भेजा रहा है जेल