नई दिल्ली । नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि विपक्ष का विधायक होने के बावजूद 2003 से 2008 तक वह दिल्ली जल बोर्ड के सदस्य रहे क्योंकि उस समय की सरकार ने दिल्ली जल बोर्ड में विपक्ष का एक विधायक रखा ताकि दिल्ली के लोगों का पक्ष रख सके। केजरीवाल सरकार को भी विपक्ष के नेता को दिल्ली जल बोर्ड का सदस्य बनाना चाहिए था लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। उन्होंने कहा कि कई बार मुख्यमंत्री केजरीवाल ने दिल्लीवासियों को 24 घंटे स्वच्छ पानी देने की घोषणा की और उसके लिए उठाए जाने वाले कदमों को घोषणा पत्र में भी लिखा। जिसके अनुसार युमना के किनारे जो जमीन है उसे किराए पर लेकर गढ्डे खोदकर उसमें बरसात का पानी जमा किया जाएगा और उस पानी को ट्रीट करके सप्लाई किया जाएगा, वजीराबाद के आसपास बरसात के पानी को रोका जाएगा और ट्रीट करके पीने योग्य बनाकर सप्लाई किया जाएगा लेकिन असल में इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया।
उन्होंने बताया कि केजरीवाल सरकार ने वादा किया था कि हिमाचल प्रदेश सरकार के साथ समझौते पर करार होगा जिससे 24 घंटे दिल्ली को पीने का पानी मिलेगा, लेकिन केजरीवाल सरकार ने इस ओर भी कदम नहीं उठाया। इस कार्य के लिए केंद्र ने भी दिल्ली सरकार को सैंकड़ों करोड़ों रुपए दिए लेकिन एक भी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट नहीं बनाया गया। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार से बात करके सोनिया विहार में पानी आपूर्ति के पूर्व मुख्यमंत्री स्व. मदन लाल खुराना के प्रयासों को पूर्व मुख्यमंत्री स्व. साहिब सिंह वर्मा ने सफल बनाया, लेकिन केजरीवाल सरकार ऐसे प्रयास करने में भी असफल है क्योंकि उनकी नीयत काम करने की नहीं है। उन्होंने कहा कि 60-70 प्रतिशत पानी के टैंकर कभी गरीबों तक नहीं पहुंचते हैं बल्कि इंडस्ट्रीज में पहुंचते हैं और कई ऐसे घोटाले भी समय-समय पर उजागर हुए हैं। आज स्थिति यह है कि मुख्यमंत्री केजरीवाल दिल्लीवासियों की समस्या को सुनने को तैयार नहीं है। भाजपा दिल्लीवासियों की मूलभूत समस्याओं के निराकरण के लिए संघर्षरत है और दिल्लीवासियों को उनका हक दिलवा कर रहेगी।
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दिल्ली जल बोर्ड में विपक्ष का एक विधायक रखा ताकि दिल्ली के लोगों का पक्ष रख सके: रामवीर सिंह बिधूड़ी