कोलकाता । पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस और भाजपा महिलाओं मतदाताओं का समर्थन हासिल करने के प्रयास के तहत महिलाओं से जुड़े मुद्दे रेखांकित कर रही हैं। राज्य के कुल मतदाताओं में से महिला मतदाताओं की संख्या करीब 49 प्रतिशत है। भाजपा और तृणमूल कांग्रेस दोनों एक-दूसरे पर महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने में विफल होने का आरोप लगा रही हैं। साथ ही दोनों पार्टियां केंद्र और राज्य में दोनों पार्टियों की संबंधित सरकारों द्वारा महिलाओं के लिए शुरू की गईं विकास संबंधी योजनाओं को भी रेखांकित कर रही हैं। 294 सदस्यीय पश्चिम बंगाल विधानसभा के चुनाव इस साल अप्रैल-मई में होने की संभावना है। राज्य के 7.18 करोड़ मतदाताओं में से 3.15 करोड़ महिलाएं हैं। महिला मतदाताओं पर ध्यान ऐसे समय पर केंद्रित किया जा रहा है जब आंकड़ों से यह पता चला है कि महिलाओं के चलते बिहार विधानसभा चुनाव के परिणाम राजग के पक्ष आए थे। महिला मतदाता ममता बनर्जी नीत तृणमूल कांग्रेस के समर्थन में मजबूती से खड़ी रही हैं लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव में उनमें से कई ने भाजपा का समर्थन किया। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 2019 के चुनाव में तृणमूल कांग्रेस के खराब प्रदर्शन के बाद अपनी सरकार की विकास योजनाओं और भाजपा शासित राज्यों में 'महिलाओं के खिलाफ अपराधों में वृद्धि को उजागर करने के लिए पार्टी के गैर राजनीतिक मोर्चे बोंगो जननी का गठन किया।' महिलाओं के मुद्दों से निपटने में 'लापरवाह रवैए के लिए भाजपा की आलोचना करने के अलावा, बोंगो जननी की पहुंच अभियान के तहत तृणमूल कांग्रेस सरकार की महिला-केंद्रित पहलों जैसे कि स्वास्थ्य साथी स्वास्थ्य योजना और बाल विवाह को रोकने के लिए रूपश्री प्रत्यक्ष नकद हस्तांतरण योजना को रेखांकित किया जा रहा है।
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बंगाल में महिला तय करेंगी किसके सिर सजेगा ताज