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गैर-कांग्रेस और गैर भाजपा संघीय मोर्चा बनाने की केसीआर की कोशिश को झटका

गैर-कांग्रेस और गैर भाजपा संघीय मोर्चा बनाने की केसीआर की कोशिश को झटका

 क्षेत्रीय पार्टियों को मिलाकर गैर-कांग्रेस और गैर भाजपा संघीय मोर्चा बनाने के मिशन पर काम कर रहे तेलंगाना राष्ट्र समिति के प्रमुख और तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव को झटका मिला है।डीएमके अध्यक्ष स्टालिन ने उनसे मिलने के लिए कथित तौर पर मना कर दिया। सूत्रों के मुताबिक राजनीतिक हितों को साधने के मकसद से वह लगातार क्षेत्रीय पार्टियों के नेताओं से बैठक कर रहे हैं। केरल के अपने समकक्ष पिनराई विजयन से उन्होंने सोमवार को मुलाकात की। सूत्रों के मुताबिक इस दौरान उन्होंने 1996 फॉर्मूले के आधार पर कांग्रेस और भाजपा के बिना तीसरा मोर्चा बनाने पर चर्चा की। केसीआर,पिछले कुछ वर्षों से 'तीसरे मोर्चे' के चेहरे बने हुए हैं। केसीआर कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी जैसे कांग्रेस सहयोगियों से भी संपर्क कर रहे हैं, जिनसे उन्होंने सोमवार बातचीत की।
इसके बाद डीएमके के अध्यक्ष स्टालिन से मिलने वाले थे, लेकिन मंगवार को डीएमके से जुड़े सूत्रों ने कहा कि स्टालिन 19 मई को होने वाले आखिरी चरण के लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार में 'बिजी' है। इसके जरिए उन्होंने संकेत दिए कि तेलंगाना सीएमओ द्वारा घोषित की गई 13 मई को होने वाली बैठक नहीं होगी। द्रमुक अध्यक्ष के करीबी सूत्रों ने बताया कि राज्य में चार सीटों के लिए होने वाले उपचुनाव के प्रचार में स्टालिन ‘व्यस्त' रहने वाले है। हालांकि, केसीआर की बेटी और सांसद केके कविता ने बाद में कहा कि अभी तक कोई बैठक तय नहीं हुई है। 
सूत्रों ने बताया कि केरल में लेफ्ट सरकार का नेतृत्व कर रहे पिनराई विजयन के साथ बैठक के दौरान केसीआर ने उन्हें 'दक्षिण भारत से प्रधानमंत्री' का प्रस्ताव दिया,हालांकि, उन्होंने इसके लिए किसी का नाम नहीं लिया। बता दें, '1996 फॉर्मूला बहुत सफल नहीं रहा था। 1990 के दशक के अंत में,अस्थिर गठबंधनों के प्रमुख के रूप में सत्ता संभालने तीन प्रधानमंत्रियों की सरकारें कुछ ही दिनों में गिर गई थी। तेलंगाना के मुख्यमंत्री ने विजयन को यह भी याद दिलाया कि केरल के वायनाड में भाजपा के उम्मीदवार ना उतारे जाने के बाद भी राहुल गांधी ने वहां से चुनाव लड़ने का फैसला किया। बता दें, इस सीट से भाजपा की सहयोगी पार्टी भारत धर्म जन सेना ने अपना उम्मीदवार उतारा है। 
सूत्रों के मुताबिक, केसीआर का आकलन है कि 'न तो भाजपा और न ही कांग्रेस अपने वर्तमान सहयोगियों के साथ सरकार बनाने में कामयाब होगी। विजयन ने केसीआर से कहा कि सीपीएम का केंद्रीय नेतृत्व 23 मई को इसपर फैसला लेगा। बैठक के बाद एमके स्टालिन और केसीआर की उत्तर और पूर्वी भारत की यात्रा करने का प्लान है। केसीआर ने सबसे पहले इसके लिए लेफ्ट से संपर्क किया है। 

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