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सीएम योगी का कड़ा रुख अधिकारी निलंबित

सीएम योगी का कड़ा रुख अधिकारी निलंबित

गाजियाबाद । उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गाजियाबाद के मुरादनगर में श्मशान घाट की छत गिरने के मामले को गंभीरता से लिया है। उनके निर्देश पर मुरादनगर नगर पालिका परिषद की अधिशासी अधिकारी को निलंबित कर दिया गया है। इसके साथ मंडलायुक्त और जिलाधिकारी से स्पष्टीकरण मांगा गया है। उन्हें हटाया भी जा सकता है। उनके निर्देश पर वित्त मंत्री सुरेश खन्ना को विशेष विमान से मौके पर भेजा गया। वित्त मंत्री वहां से लौटकर वस्तुस्थिति की जानकारी मुख्यमंत्री को देंगे। मुख्यमंत्री श्‍मशान घाट की छत गिरने से 24 लोगों की मौत की घटना पर अफसरों से बेहद नाराज हैं। उन्होंने घटना के लिए जिम्‍मेदार अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के संकेत दिए हैं। मेरठ के मंडलायुक्त और गाजियाबाद के डीएम समेत कई बड़े अधिकारियों पर कार्रवाई की गाज गिर सकती है। मुख्यमंत्री ने दोनों अधिकारियों से स्पष्टीकरण भी मांगने के निर्देश दिए हैं। मुख्‍यमंत्री ने घटना को अफसरों की गंभीर लापरवाही का नतीजा करार देते हुए दोषियों पर कठोर कार्रवाई का निर्देश दिया है। मुख्‍यमंत्री ने चेतावनी के लहजे में कहा है कि इस तरह की घटनाओं के लिए जिम्‍मेदार अफसरों के लिए शासन में कोई जगह नहीं है। मुख्‍यमंत्री ने इस मामले में गाजियाबाद के जिलाधिकारी और मेरठ की मंडलायुक्‍त समेत अन्‍य जिम्‍मेदार अधिकारियों की भूमिका की जांच के संकेत भी दिए हैं। प्रमुख सचिव नगर विकास दीपक कुमार के मुताबिक मुरादानगर की अधिशसी अधिकारी को निलंबित कर दिया गया है। रिटायर अवर अभियंता चंद्रपाल सिंह के खिलाफ भी कार्रवाई के लिए कहा गया है। प्रमुख सचिव नगर विकास के मुताबिक पूरे घटना की जांच विभागीय स्तर पर शुरू करा दी गई है। उन्होंने कहा है कि इसके लिए जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कड़ी र्कावाई की जाएगी। यह भी पता लगाया जाएगा कि 14वें वित्त आयोग से श्मशान की छत बनाने के लिए दिए गए पैसों का कितना उपयोग हुआ है। नगर विकास विभाग ने मुरादनगर शमशान घाट के शेड की गुणवत्ता की जांच करने वाले लोक निर्माण विभाग के इंजीनियरों पर भी कार्रवाई करने के लिए पत्र लिखा है। कहा है कि श्मशान घट छत निर्माण की थर्ड पार्टी जांच लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता और अवर अभियंता द्वारा की गई थी। गलत रिपोर्ट देने के कारण उनके खिलाफ भी कार्रवाई के लिए पत्र में कहा गया है। यह पत्र प्रमुख सचिव लोक निर्माण को भेजा गया है।
 

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