नई दिल्ली । दिल्ली भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने कहा कि चांदनी चौक के प्राचीन हनुमान मंदिर को तोड़ा जाना बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है और हम इसकी कड़ी निंदा करते हैं। प्राचीन हनुमान मंदिर को तोड़ने की जिम्मेदार सिर्फ और सिर्फ मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल हैं। उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार के अंतर्गत आने वाले पीडब्ल्यूडी अक्टूबर में हाई कोर्ट गया और वहां कहा कि दिल्ली पुलिस और नगर निगम उन्हें सहयोग नहीं कर रहा है इसलिए हाई कोर्ट मंदिर को हटाने के लिए निर्देशित करें। कोर्ट में केजरीवाल सरकार के स्टैंडिंग काउंसल नौशाद अली अहमद खान ने पक्ष रखते हुए कहा कि चांदनी चौक में हनुमान मंदिर, प्राचीन हनुमान मंदिर और पागल बाबा के मंदिर की आवश्यकता नहीं है और यह चांदनी चौक के सुंदरीकरण में बाधा उत्पन्न कर रहा है इसलिए हटा देना चाहिए।
आदेश गुप्ता ने कहा कि स्थानीय लोगों और मंदिर समितियों ने मुख्यमंत्री केजरीवाल से प्राचीन हनुमान मंदिर को बचाने की विनती की थी। विधानसभा चुनाव के समय केजरीवाल ने हर प्लेटफार्म पर भगवान हनुमान के नाम का जाप किया और खुद को हनुमान भक्त साबित किया था इसलिए लोगों को उम्मीद थी कि वह प्राचीन हनुमान मंदिर बचा लेंगे लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। अगर केजरीवाल सरकार की धार्मिक समिति कोर्ट में जाकर यह पक्ष रखती की प्राचीन हनुमान मंदिर होने से विकास कार्यो में कोई बाधा उत्पन्न नहीं हो रही है, योजना में मंदिर को भी समायोजित किया जा सकता है तो मंदिर को टूटने से बचाया जा सकता था लेकिन धार्मिक समिति जिसके मुखिया सत्येंद्र जैन है उन्होंने ऐसा कोई पक्ष नहीं रखा। प्राचीन हनुमान मंदिर को तोड़कर केजरीवाल सरकार ने हिंदू विरोधी काम किया है और दिल्ली ही नहीं बल्कि देश के करोड़ों लोगों की आस्था को ठेस पहुंचाई है। हमारी यह मांग है कि मंदिर को वहां पुनः स्थापित किया जाए।
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अगर केजरीवाल सरकार की मंशा साफ होती तो प्राचीन हनुमान मंदिर को टूटने से बचाया जा सकता था