जम्मू । जम्मू-कश्मीर में बीते कई दिनों से बर्फबारी का दौर जारी है। राज्य में बर्फबारी के कारण नागरिकों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। वहीं, प्रशासन ने मुश्किलों को देखकर पेट्रोल-डीजल की खरीद सीमित कर दी है। यानी नागरिक अब तय समय अंतराल में सीमा से ज्यादा ईंधन नहीं खरीद सकते है। हालांकि, इससे रहवासियों में खासी नाराजगी है। राज्य प्रशासन के आदेश के अनुसार घाटी में दोपहिया चालक 3 लीटर, निजी कारें 10 लीटर और कामर्शियल गाड़ियां 20 लीटर तक ईंधन ले सकती हैं। इसके अलावा राशनिंग का नियम एलपीजी सिलेंडर गैस पर भी लागू है।
इसके बाद लोगों ने सरकार की सर्दियों को लेकर तैयारियों पर सवाल उठाए हैं। लोगों का कहना है कि प्रशासन सर्दियों के लिए तैयारी और पर्याप्त स्टॉक का दावा कर रहा है, लेकिन सिलेंडर के लिए नागरिकों से 3 हफ्तों तक इंतजार करने के लिए कहा जा रहा है। वहीं, कुछ लोग कह रहे हैं कि उन्होंने ईंधन पर पहली बार राशनिंग के बारे में सुना है।
राज्य में ईंधन पर राशनिंग का फैसला दशकों बाद पहली बार लिया गया है। बीते तीन दिनों से जारी बर्फबारी ने घाटी को दूसरे इलाकों से काट दिया है। सड़कें ब्लॉक हो गईं हैं और बिजली गायब है। बर्फ की वजह से श्रीनगर-जम्मू नेशनल हाईवे बंद पड़ा है। वहीं, कई यात्री उड़ानों को स्थगित कर दिया है। उत्तर कश्मीर के मैदानी इलाकों में बर्फ की 12 इंच की परत जमी हुई है। जबकि, दक्षिण कश्मीर में 5 फीट तक बर्फ बिछी हुई है। मौसम विभाग की भारी बर्फबारी की चेतावनी जारी करने के बावजूद सरकार की तैयारी नाकाफी नजर आ रहीं हैं।
रीजनल नार्थ
घाटी में दशकों बाद ईंधन पर राशनिंग का फैसला, तय सीमा से ज्यादा नहीं खरीद सकते पेट्रौल