नई दिल्ली । दिल्ली भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने नगर निगम के कर्मचारियों की हड़ताल के कारण दिल्लीवासियों को होने वाली असुविधा के लिए खेद प्रकट किया। उन्होंने कहा कि यह अरविंद केजरीवाल सरकार की राजनीतिक दुर्भावना का परिणाम है कि आज निगम कर्मचारी, विशेषकर सफाई कर्मचारी हड़ताल पर चले गए हैं जिसके कारण दिल्लीवासियों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा है। 2015 में केजरीवाल सरकार जब से सत्ता में आई है तब से भाजपा शासित नगर निगमों के प्रति राजनीतिक द्वेष के साथ काम कर रही है और कटौती करके ही संवैधानिक रूप से आवंटित फंड को जारी कर रही है। वर्तमान में बकाया राशि 13,000 करोड़ रुपए से अधिक है, वहीं 2020-21 वित्तीय वर्ष की चौथी तिमाही शुरू होने पर भी निगमों को आवंटित फंड का सिर्फ 30 प्रतिशत ही मिला है।
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने कहा कि केजरीवाल सरकार ने दिल्ली वित्त आयोग की निगमों के फंड पर बाध्यकारी सिफारिशों को लागू करने से परहेज किया है। 2015 से 2019 तक केजरीवाल सरकार ने 4जी डीएफसी की बजाय 3तक डीएफसी के आधार पर धन आवंटित करती रही है जिसके कारण निगमों को कभी उचित फंड नहीं मिल पाया। दिल्ली सरकार द्वारा पूर्वी दिल्ली नगर निगम को 250 करोड़ रुपए के भुगतान का वादा किया गया था लेकिन द्वेषवश आज तक इस राशि का दिल्ली सरकार ने भुगतान नहीं किया है। दिल्ली उच्च न्यायालय के दबाव में दिल्ली सरकार ने अंततः 2019 में 4जी डीएफसी की सिफारिशें स्वीकार कर ली लेकिन फिर भी उन सिफारिशों के आधार पर बढ़े हुए फंड का भुगतान शुरू नहीं किया।
आदेश गुप्ता ने कहा कि नगर निगम के कर्मचारी इस बात से अवगत हैं कि निगम उनका वेतन देने असमर्थ हैं, क्योंकि वेतन देने के लिए दिल्ली सरकार फंड जारी नहीं कर रही है। पिछले 3 से 5 महीनों से वेतन जारी न होने के कारण निगम कर्मचारियों और उनके परिवारों को किस प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा होगा इसका लोग सहज ही अंदाजा लगा सकते हैं। भाजपा शासित नगर निगम जल्द से जल्द कर्मचारियों के वेतन का भुगतान करने के लिए राजस्व जुटाने की पूरी कोशिश करेगा, लेकिन वास्तविकता यह है कि दिल्ली सरकार द्वारा बकाए फंड को तत्काल प्रभाव से जारी किए बिना स्थिति में सुधार नहीं हो सकता है। दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने अरविंद केजरीवाल सरकार से राजनीतिक द्वेष को खत्म करने और निगम का बकाया 13,000 करोड़ रुपए जारी करने की मांग की। यह दिल्ली सरकार की नैतिक जिम्मेदारी है कि वे यह सुनिश्चित करें कि दिल्लीवासियों को केजरीवाल सरकार और भाजपा शासित निगमों के राजनीतिक मतभेद के कारण असुविधा न हो।
रीजनल नार्थ
निगम कर्मचारियों की हड़ताल के कारण दिल्लीवासियों को हुई असुविधा