नई दिल्ली । कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर किसानों के आंदोलन के दौरान सिंधु बॉर्डर पर पंजाब के फतेहाबाद साहिब के रहने वाले अमरिंदर सिंह ने जहर खा लिया। उन्हें सोनीपत के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया। किसान नेता बलदेव सिंह सिरसा उनको अपने साथ अस्पताल ले गए। उनकी हालात गंभीर बताई जा रही है।
इससे पहले दो जनवरी को दिल्ली बॉर्डर पर एक और किसान ने आत्महत्या की। गाजियाबाद के यूपी गेट पर एक किसान ने शौचालय में बीते शनिवार को सुसाइड कर लिया था। सुसाइड करने वाले किसान का नाम कश्मीर सिंह था और वह 75 साल के थे। सुसाइड नोट में उन्होंने अपनी अंतिम इच्छा का जिक्र किया है। 21 दिसंबर को पंजाब के तरनतारन जिले से ताल्लुक रखने वाले 65 साल के एक किसान निरंजन सिंह ने जहर खाकर जान देने का प्रयास किया था।16 दिसंबर को करनाल से आए संत बाबा राम सिंह ने खुद को गोली मारकर खुदकुशी की थी। सुसाइड नोट में चल रहे किसान आंदोलन के प्रति सरकार के रवैये को लेकर उन्होंने सवाल उठाए थे। किसान आंदोलन में शामिल एक अधिवक्ता ने भी अपनी जान दे दी है।
रीजनल नार्थ
दिल्ली बॉर्डर पर एक और किसान ने आत्महत्या की कोशिश की