मुंबई, । अपनी विभिन्न मांगों को लेकर मेडिकल कॉलेज मेडिकल ऑफिसर्स एसोसिएशन ने आज सोमवार को एक दिवसीय हड़ताल पर जाने का एलान किया है। उधर प्रशासन की ओर से एक परिपत्र के माध्यम से सभी चिकित्सा अधिकारियों को एक अधिसूचना जारी की गई है। यदि वे हड़ताल में शामिल होते हैं तो उन पर कार्रवाई की जाएगी। उनकी सेवा समाप्त की जा सकती है।
चिकित्सा अधिकारियों का हड़ताल में शामिल होना अनुशासनहीनता माना जाएगा और महाराष्ट्र सिविल सेवा (अनुशासन और अपील) १९७९ के अनुसार ऐसे मेडिकल ऑफिसरों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। अनुशासन के अलावा, कोरोना को नियंत्रित करने के लिए दिन-रात काम करने वाले डॉक्टरों को आपातकालीन कानून की याद दिलाई गई है। प्रशासन ने कहा है कि वर्तमान में कोरोना महामारी को देखते हुए, चिकित्सा अधिकारियों को हड़ताल में भाग नहीं लेना चाहिए। वे आवश्यक सेवाएं प्रदान करते हैं, जो मरीजों के हित में है। अन्यथा हड़ताल में भाग लेने वाले अधिकारियों पर महामारी रोग अधिनियम, १८९७ के तहत कार्रवाई की जाएगी। हड़ताल के दौरान अवकाश मंजूर नहीं किया जाएगा। दूसरी ओर एसोसिएशन के पदाधिकारी डॉ. रेवत ने कहा कि राज्यभर के १८ मेडिकल कॉलेजों तथा अस्पतालों के अस्थायी सेवा के ४५० चिकित्सा अधिकारियों को नियमित करके सरकारी सेवा में शामिल करने, सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू करने जैसी हमारी विभिन्न मांगें हैं। अब तक कोई सुनवाई नहीं हो रही है। चिकित्सा अधिकारियों ने विरोध के तौर पर १ जनवरी से ७ जनवरी तक काला रिबन बांधकर काम किया। एसोसिएशन ने ११ जनवरी को एक दिवसीय काम बंद आंदोलन पर जाने का निर्णय लिया है।
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चिकित्सा अधिकारियों को चेतावनी, हड़ताल की तो होगी कार्रवाई