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डाउनलोड करिये अपलोड करिये बस दिल पर लोड न लीजिये 

डाउनलोड करिये अपलोड करिये बस दिल पर लोड न लीजिये 

युग व्हाट्सअप का है . वे सोकर उठते ही व्हाट्सअप मैसेजेज चैक करते हैं . व्हाट्सएप से वर्चुएल वैचारिक इनकमिंग जारी रहती है . व्हाट्सअप ज्ञान बढ़ाईये , बांटिये . पर फेक न्यूज से सतर्क रहिये . आखिर इतने मंहगे  मोबाईल और घोटाला मुक्त सस्ती दरो पर सुलभ फोर जी स्पीड का क्या फायदा यदि समय पर दूर बैठे आत्मीय जनो को सचलितचित्र गुड मार्निग ही नही की  . ये और बात है कि छै बाई छै के सुकोमल बैड पर बाजू में ही पसरी सात जनमो की साथिन की ओर मुस्कान भरी निगाहें तक डालने का ध्यान इस व्हाट्सअप अपडेट के चक्कर में नही जाता . वैसे भी  अब कौन सी नई नवेली शादी है . एप्पल का मोबाईल जरूर बीबी से बहुत नया है .
    व्हाट्सएप उन्हें मोबाईल मय बनाये रखने में सर्वाधिक मदद करता है .हर थोड़े अंतराल पर व्हाट्स अप नोटिफिकेशन उनके वैश्विक संबंधो की पुष्टि करता है . कहीं गलती से कुछ घंटे वे मोबाईल न देख पायें तो विभिन्न ग्रुप्स से प्राप्त पेंडिग मैसेजेज की गिनती हजारो में पहुंच जाती है .  मैसेजेज के वर्चुएल डिजिटल वजन से मोबाईल भारी हो जाता है .
परिवार के ,स्कूल के , कालेज के , कार्यालय के , शहर के , साहित्य के , स्वजातीय बंधुओ के ढ़ेरो ग्रुप्स ने कनेक्टिविटी ऐसी बढ़ा दी है कि पास के लोग दूर और दूर के लोग पास हो गये हैं . ससुराल के ग्रुप , परिवार के ग्रुप और बच्चों के ग्रुप की नोटीफिकेशन टोन ही उन्होने बिल्कुल अलग रख ली है, जिससे वे सदैव सबके निकट  बने रहें .
यदि व्हाट्सएप को मालूम हो जावे कि आज ढ़ेर सारे  कार्यालय ही व्हाट्सअप पर चल
रहे हैं तो निश्चित ही इसके एवज में व्हाट्सअप कुछ रायल्टी क्लेम कर सकता है . मीटिंग की सूचना से लेकर फोटो सहित कम्पलाइंस रिपोर्ट व्हाट्सअप पर ही ली दी जा रही हैं . इधर मैसेज में दो नीली टिक हुई नहीं कि दूसरे छोर से अपेक्षा की जाती है कि साइट से फोटो सहित रिपोर्ट आ जावे. ग्रुप में परिपत्र डालकर यह मान लिया जाता है कि सभी को सूचना मिल चुकी है . स्क्रीन शाट प्रूफ बन रहे हैं . वे जमाने यादें बनकर रह गये हैं , जब डाकिया लिफाफा लाता था , रिसीप्ट क्लर्क शाम को सारी डाक खोलकर तरीके से सील ठप्पे लगाकर डाक पैड में बांधकर करीने से टेबिल के कोने में रखा करता था , फिर हम इत्मिनान से एक एक पत्र पढ़ते और उसके मार्जिन में सबार्डिनेट्स को इंस्ट्रक्शन्स लिखा
करते थे .
    पहले  लोग सामूहिक ठहाके लगाते थे , एक जोक सुनाता था सब हंसते थे ,अब जमाना व्हाट्सअप युगीन है , मैसेज पढ़कर मैं मंद मंद मुस्करा रहा था ,मित्र ने देखा तो कहा मुझे भी फारवर्ड कर दे मैं भी हंसू . तो व्हाट्सअप युग के साक्षी बने रहिये जब तक कोई और इसे धक्का मारने न आ जावे ,मौलिकता छोड़िये , फारवर्ड करिये , डाउनलोड करिये अपलोड करिये बस दिल पर लोड मत लीजिये .अपडेट रहिये
(लेखक- विवेक रंजन  श्रीवास्तव )

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