किचन में इस्तेमाल होने वाले कपड़े से फूड पॉइजनिंग होने का खतरा रहता है। किचन में बार-बार एक ही कपड़े का इस्तेमाल करने से परिवार के सदस्यों को फूड पॉइजनिंग होने का खतरा रहता है। यह चेतावनी एक रिसर्च के बाद आई है। यूनिवर्सिटी ऑफ मॉरिशस के वैज्ञानिकों ने एक महीने के दौरान एक एक्सपेरिमेंट किया और किचन में इस्तेमाल होने वाले 100 तौलिए पर बैक्टीरिया के पनपने की जांच की। इस दौरान अनुसंधानकर्ताओं ने पाया कि 100 में से 49 तौलिए में कॉलिफॉर्म्स पाए गए जो फेमस ई-कोलाइ बैक्टीरिया के परिवार के सदस्य हैं। रिसर्च में यह बात भी सामने आयी कि किचन में इस्तेमाल होने वाले वैसे कपड़ों में ई-कोलाइ के पनपने की संभावना अधिक थी जिन्हें गीला छोड़ दिया जाता है, जबकि कॉलिफॉर्म्स और एस ओरियेस बैक्टीरिया उन कपड़ों में ज्यादा पाया गया जिन घरों में नॉन-वेज खाना ज्यादा बनता है।
स्टडी में यह बात भी सामने आयी कि वैसे घरों के किचन टावल में बैक्टीरिया का ग्रोथ अधिक था जिनमें परिवार के सदस्यों की संख्या अधिक थी और जिनका सामाजिक-आर्थिक बैकग्रांउड कमजोर था। यूनिवर्सिटी ऑफ मॉरिशस की डॉ सुशीला बिरानजीया ने कहा, 'हमारी स्टडी इस बात को दिखाती है कि परिवार की बनावट और घर में साफ-सफाई का कितना ध्यान रखा जाता है इन सबका असर किचन में इस्तेमाल होने वाले कपड़ों में बैक्टीरिया के ग्रोथ पर पड़ता है। हमने यह भी पाया कि लोगों की डायट, इस्तेमाल का तरीका और किचन के गीले कपड़े को यूं ही छोड़ देने की वजह से भी फूड पॉइजनिंग फैलाने के लिए जिम्मेदार रोगाणुओं को पनपने में मदद मिलती है।
'कुल मिलाकर एक्सपेरिमेंट के दौरान इस्तेमाल हुए किचन टावल में से 37 प्रतिशत में कॉलिफॉर्म्स, 37 प्रतिशत में एंटेरोकोकस बैक्टीरिया और 14 प्रतिशत में स्टैफिलोकोकस ऑरियस बैक्टीरिया पाया गया। स्टडी के बाद वैज्ञानिक इस नतीजे पर पहुंचे कि किचन में सिंगल-यूज डिस्पोजेबल पेपर तौलिए का इस्तेमाल करना चाहिए क्योंकि यही बेस्ट और हाइजिनिक ऑप्शन है। अनुसंधानकर्ताओं का कहना है कि बहुत से किचन टावल में ई-कोलाइ की मौजूदगी मल के प्रदूषण से आयी होगी जो इस बात को दिखाता है कि बड़े पैमाने पर किचन में सही ढंग से साफ-सफाई का ध्यान नहीं रखा जाता।
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किचन के कपड़े से हो सकती है फूड पॉइजनिंग : शोध