अस्थाई रूप से बंद होने के बाद भी निजी क्षेत्र की विमानन कंपनी जेट एयरवेज की मुश्किलें खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं। ताजा विवाद जेट एयरवेज में खाड़ी देश की एयरलाइन कंपनी एतिहाद के निवेश से जुड़ा हुआ है। दरअसल, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) जेट एयरवेज और एतिहाद एयरवेज के लिए वर्ष 2014 में हुए 900 करोड़ रुपए के एक करार की जांच कर रहा है। ईडी इस बात की जांच कर रहा है कि कहीं इसमें विदेशी विनिमय से जुड़े नियमों का उल्लंघन तो नहीं हुआ है। रिपोर्ट में ईडी अधिकारी के हवाले से कहा गया है कि यह निवेश सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मंजूरी के बिना लाया गया है। यह नियमों के खिलाफ है।
यही वजह है कि जेट एयरवेज के मुख्य वित्तीय अधिकारी सहित कई वरिष्ठ अधिकारियों से पूछताछ की गई है। वहीं एतिहाद एयरवेज के प्रवक्ता ने पल्ला झाड़ते हुए कहा है कि हमने सभी नियामकीय जरूरतों का पालन किया है। हमने करीब 6 साल पहले जेट प्रिविलेज प्राइवेट लिमिटेड (जेपीपीएल) में अपनी हिस्सेदारी का अधिग्रहण कर लिया था। इसलिए जेपीपीएल से संबंधित कोई भी सवाल जेट से ही पूछे जाने चाहिए।
बता दें कि करीब 8 हजार करोड़ से ज्यादा के कर्ज में डूबी एयरलाइन जेट एयरवेज ने अपनी विमान सेवाएं अस्थायी तौर पर बंद कर दी है। जेट एयरवेज के इस फैसले का असर कंपनी के करीब 22 हजार कर्मचारियों पर पड़ा है। जेट एयरवेज के पायलट समेत अधिकतर कर्मचारियों को कई महीनों से सैलरी तक नहीं मिली है। इस वजह से जेट एयरवेज के पायलटों ने बीते मंगलवार को उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है।
उन्होंने एयरलाइन का फिर से परिचालन शुरू करने के लिए भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) को कंपनी को अंतरिम पूंजी उपलब्ध कराने का निर्देश देने का शीर्ष अदालत से आग्रह किया है। इस बीच नागर विमानन मंत्री सुरेश प्रभु ने जेट एयरवेज को आवंटित समय सारिणी (स्लॉट) किसी दूसरी एयरलाइन कंपनियों को आवंटित किए जाने के मामले में रिपोर्ट मांगी है। सूत्रों के मुताबिक सुरेश प्रभु ने नागर विमानन सचिव प्रदीप सिंह खरोला से जेट एयरवेज के उन स्लॉट के बारे में रिपोर्ट मांगी है, जिन्हें अन्य विमानन कंपनियों को आवंटित कर दिया गया है। रिपोर्ट को 11 मई तक सौंपने के लिए कहा गया है। बता दें कि आर्थिक संकट से जूझ रही जेट एयरवेज ने परिचालन अस्थायी तौर पर बंद किया है। इसके बाद मंत्रालय ने दिल्ली और मुंबई में उसके छोड़े गए स्लाट दूसरी एयरलाइन को आवंटित करने का फैसला किया। जानकारी के मुताबिक जेट एयरवेज के पास मुंबई और दिल्ली हवाई अड्डों में 440 से ज्यादा स्लॉट हैं।
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जेट ने एफडीआई नियमों का उल्लंघन तो नहीं किया, जांच करेगा प्रवर्तन निदेशालय