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 एक-एक कर ममता से दूर हो रहे करीबी, सांसद शताब्दी रॉय ने दिए टीएमसी छोड़ने के संकेत

 एक-एक कर ममता से दूर हो रहे करीबी, सांसद शताब्दी रॉय ने दिए टीएमसी छोड़ने के संकेत

 
कोलकाता
। पश्चिम बंगाल में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले राज्य की सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) में उठापटक जारी है। सीएम ममता बनर्जी के करीबी एक-एक कर उनसे दूर होते जा रहे हैं। शुभेंदु रॉय सहित पार्टी के कई दिग्गज नेता पहले ही टीएमसी का दामन छोड़ चुके हैं। अब बीरभूम से टीएमसी की सांसद अभिनेत्री शताब्दी रॉय ने भी पार्टी के प्रति नाराजगी प्रकट की  है। इसके बाद उनके पार्टी छोड़ने के कयास लगाए जाने लगे हैं। शताब्दी रॉय ने एक सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए पार्टी में खुद को नीचा दिखाए जाने को लेकर दुख जाहिर किया है। शताब्दी रॉय फैन क्लब नाम के फेसबुक अकाउंट से शेयर किए इस पोस्ट में अभिनेत्री शताब्दी राय ने घोषणा की है कि वह 16 जनवरी दोपहर 2 बजे अपने राजनीतिक करियर को लेकर किया गया फैसला सभी को सुनाने वाली हैं। 
पोस्ट में लिखा है, बहुत से लोग मुझसे पूछते हैं कि मैं बीरभूम में पार्टी के कार्यक्रमों से गायब क्यों रहती हूं। उन्होंने सवाल किया कि मैं इन कार्यक्रमों का हिस्सा कैसे बनूं, जब मुझे इनके शेड्यूल को लेकर कोई जानकारी ही नहीं मिल पाती हो? 
शताब्दी राय ने कहा कि मुझे लगता है कि कुछ लोग नहीं चाहते कि मैं इन कार्यक्रमों में हिस्सा लूं। मैं इससे काफी दुखी हूं। इसलिए मैं इस नए साल में एक ऐसा फैसला लेना चाहती हूं जो मुझे लोगों के साथ पूरी तरह  जुड़ने में मदद करेगा। अगर मैं कोई फैसला लूंगी तो शनिवार दोपहर 2 बजे इस बारे में सभी लोगों को बताऊंगी।'
पश्चिम बंगाल के बीरभूम से सांसद शताब्दी रॉय को सन 2019 में हुए लोकसभा चुनाव के बाद चुनाव क्षेत्र में आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में बहुत कम ही देखा गया है। आखिरी बार वह बीते साल 28 दिसंबर को राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बीरभूम दौरे के समय यहां दिखी थीं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, शताब्दी रॉय ने सांसद निधि का पैसा अपने किसी से राय-विचार के बिना हिसाब से बांटा, जिसकी वजह से स्थानीय नेता उनसे नाराज हैं। 
उल्लेखनीय है कि शताब्दी रॉय पहली बार साल 2009 में तृणमूल कांग्रेस की ओर से बीरभूम से चुनाव जीतकर संसद पहुंची थीं। इसके बाद सन 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में भी वह इसी सीट से सांसद बनीं थीं। पार्टी में की जा रही उपेज्ञा पर उन्होंने जिस तरह से प्रतिक्रिया की है, उससे लगता है कि वह भी अगले दिनों में पार्टी से दूरी बना सकती हैं। इससे पहले बीते माह ममता के करीबी और टीएमसी के दिग्गज नेता शुभेंदु रॉय भी टीएमसी छोड़कर भाजपा का हाथ थाम लिया है। शुभेंदु के साथ कई अन्य नेता भी भाजपा में शामिल हुए थे, जिनमें बर्दवान से टीएमसी के पूर्व सांसद सुनील मंडल भी एक बड़ा नाम हैं। 
 

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