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नीतीश में संवेदनशीलता खत्म, बची है सिर्फ कुर्सी से चिपके रहने की लालसा:तेजस्वी  -जब सरकार संभल नहीं रही तो क्यों जबरदस्ती मुख्यमंत्री पद से चिपके हुए हैं

नीतीश में संवेदनशीलता खत्म, बची है सिर्फ कुर्सी से चिपके रहने की लालसा:तेजस्वी  -जब सरकार संभल नहीं रही तो क्यों जबरदस्ती मुख्यमंत्री पद से चिपके हुए हैं

पटना। बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा है कि सीएम नीतीश में संवेदनशीलता खत्म हो चुकी है और सिर्फ कुर्सी से चिपके रहने की लालसा बची है। उन्होंने कहा कि नीतीश जी दिखावे के लिए कहते हैं कि उन्हें बिना इच्छा, ज़बरदस्ती मुख्यमंत्री बनाया गया। जब सरकार संभल नहीं रही तो क्यों ज़बरदस्ती मुख्यमंत्री पद से चिपके हुए हैं?
  तेजस्वी ने जारी प्रेस नोट में कहा कि बिहार में लूट, अपहरण, बलात्कार, हत्या और अपराध की सुनामी आयी हुई है। मुख्यमंत्री नीतीश जी अब थक चुके हैं, शिथिल पड़ चुके हैं। कार्यक्षमता, इच्छाशक्ति ही नहीं संवेदनशीलता भी खत्म हो चुकी है। कुछ खत्म नहीं हुई है तो वह है बस उनकी - कुर्सी से चिपके रहने की लालसा। यह जीवनपर्यंत उनके साथ रहेगा। चाहे पूरा सूबा ही उनकी सत्तालोलुपता की भेंट क्यों ना चढ़ जाए। नेता प्रतिपक्ष ने बिहार में बढ़ते अपराध पर तंज कसते हुए सीएम नीतीश सहित दोनों डिप्टी सीएम और पीएम मोदी से भी सवाल पूछा है। उन्होंने रूपेश हत्याकांड व मधुबनी रेप केस को लेकर नीतीश कुमार को भाजपा का सेलेक्टेड व अनुकंपाई सीएम कहा है। तेजस्वी के इस करारे प्रहार पर बिहार भाजपा प्रवक्ता डॉ निखिल आनंद ने कहा, 'बिहार की इसी एनडीए सरकार ने 2005 से 2015 तक सुशासन का मॉडल दिया था, लेकिन यह बात भी सत्य है कि 2015 में राजद के सरकार में आने के बाद गवर्नेंस की तारतम्यता और लय गड़बड़ायी। बिहार की एनडीए सरकार आज की तारीख में भी उतनी ही तत्पर है।' निखिल आनंद ने कहा, 'मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उसी कदर स्वयं हर घटना का गंभीरता से संज्ञान लेते हैं।' निखिल ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि शहाबुद्दीन ब्रिगेड के लोग अपने गिरेबान में झांकें। विपक्ष सवाल जरूर उठाए लेकिन लाशों पर राजनीति न करें।
 

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