नई दिल्ली । भारत का राष्ट्रीय प्रतीक अशोक स्तंभ अब दिल्ली विधानसभा की शोभा बढ़ाने जा रहा है। दिल्ली विधानसभा की मुख्य इमारत पर पं मदन मोहल मालवीय की मूर्ति के ठीक ऊपर अशोक स्तंभ लगाने का काम शुरू हो गया। 12 फुटा उंचा मिश्रित धातु से बना यह अशोक स्तंभ नौ कुंतल का है। दिल्ली की एक निजी कंपनी ने इसका निर्माण किया है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर 25 जनवरी को इसका लोकार्पण करेंगे। आम लोग आगामी 25 जनवरी से इसे देख सकेंगे। दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष रामनिवास गोयल ने बताया कि गत जून-जुलाई को उनके मन में यह विचार आया कि दिल्ली विधानसभा में भी भारत का राष्ट्रीय प्रतीक अशोक स्तंभ लगाया जाना चाहिए। इस विचार के बाद लोक निर्माण विभाग द्वारा विधिवत रूप से इसके निर्माण के लिए निविदा आमंत्रित की गई जिसमें दिल्ली की एक कंपनी को इसे बनाने का काम मिला। कंपनी ने इसका निर्माण कर इसके विधानसभा परिसर में लगवाने का काम शुरू कर दिया है। जिसका काम बुधवार तक पूरा कर लिया जाएगा। अब 25 जनवरी को विधानसभा आम लोगों के लिए खोली जाएगी। इस दिन विधानसभा में साज-सज्जा भी की जाएगी। इस दिन से आम लोग भी इसे देख सकेंगे। इस दौरान कोविड दिशानिर्देशों का पालन किया जाएगा। इसके मद्देनजर 50 से अधिक लोगों को एक साथ एक्कठा नहीं होने दिया जाएगा। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि उनके दिमाग में समय-समय पर रचनात्मक विचार आते रहते हैं। इन्हीं के तहत गत वर्षों में विधानसभा परिसर में शहीद भगत सिंह, सुखदेव एवं राजगुरु की मिश्रित धातु की प्रतिमाएं लगवाईं, एवं विधानसभा की गैलेरी में 72 स्वतंत्रता सेनानियों के चित्र की लगाए गए हैं। सारनाथ का स्तंभ अशोक स्तंभ के नाम से जाना जाता है। सारनाथ स्थित इस स्तंभ के शीर्ष पर चार शेर बैठे हैं और सभी की पीठ एक दूसरे से सटी हुई है। सारनाथ के अशोक स्तंभ को भारत ने राष्ट्रीय प्रतीक के रुप में अपनाया है। इसके अलावा अशोक स्तंभ के निचले भाग में स्थित चक्र को भारतीय तिरंगे के मध्य भाग में रखा गया है।
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अशोक स्तंभ बढ़ाऐगा दिल्ली विधानसभा की शोभा