कम पानी ही नहीं, ज्यादा पानी पीना भी सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है। इससे पानी की कमी डीहाईड्रेशन की तरह ओवरहाईड्रेशन का खतरा बढ़ जाता है। इससे किडनी पर असर होने की आशंका रहती है। यह अध्ययन यूनीवर्सिटी ऑफ टेक्सास के फुटबॉल कोच ने खिलाड़ियों के लिए चार्ट बनाया, जो लॉन्गहॉर्न फुटबॉल चार्ट पर आधारित था। इसके तहत उन खिलाड़ियों को चिह्नित किया गया था, जिनकी पेशाब का रंग पीला या मटमैला था। इन्हें सेल्फिश या बुरे लड़के के तौर पर पहचान की गई थी। कोच का कहना है कि इस तरह से वह बच्चों में भयंकर गर्मी में अपने प्रदर्शन का स्तर बनाए रखने के लिए हाईड्रेशन के लिए प्रेरित करना चाहते थे। विशेषज्ञों के इस अध्ययन के पीछे 2014 में मिसिसिप्पी में हाईस्कूल के फुटबॉल खिलाड़ी वॉकर विलबैंक्स और दो हफ्तों पहले जॉर्जिया के एक अन्य फुटबॉल खिलाड़ी की मौत की घटना है। इन दोनों की मौत जरूरत से ज्यादा तरल पदार्थ लेने की वजह से हुई। ओवरहाइड्रेशन की अवस्था एक्सरसाइत करने वालों में हाईपोनेटर्मिया के नाम से जानी जाती है। इसके विपरीत अब तक डिहाइड्रेशन की वजह से किसी फुटबॉल खिलाड़ी की मौत होने की घटना नहीं हुई है।
हालांकि इसी दौरान 7 अन्य खिलाड़ियों की मौत लू लगने से हुई, जो इससे संबंधित हो सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि हमारे शरीर में प्यास का न्यूरोएंडोक्राइन सर्किट 70 करोड़ साल पुराना है। यह कीड़ों और पतंगों समेत कई जानवरों में पाया जाता है। अध्ययन में विशेषज्ञों ने पाया कि हाईपोनेट्रीमिया बहुत ज्यादा पानी या स्पीर्ट्स ड्रिंक पीने वालों में होता है क्योंकि इससे उनके खून में मौजूद नमक का स्तर सामान्य से कम हो जाता है। ब्लड सॉल्ट लेवल में अचानक गिरावट आने से शरीर के सेल्स में सूजन आ सकती है। हाईपोनेट्रीमिया से दिमाग में सूजन हो सकती है, जिससे सिर दर्द और मिचली की शिकायत हो सकती है। मांसपेशियों की कोशिकाओं में सूजन से पूरे शरीर में ऐंठन हो सकती है। सबसे खतरनाक बात यह है कि डिहाड्रेशन के भी यही लक्षण होते हैं। प्यास हमारे दिमाग के उसी हिस्से को सक्रिय करती है, जो हमें बताता है कि हमें भूख लग रही है या पेशाब जाना है। यह लगातार संकेत देता है कि हमें प्यासा नहीं रहना है, वर्ना हमारी मौत हो सकती है। यह उसी तरह है जैसे हमें कहा जाए कि हमें हर घंटे पेशाब करना है नहीं तो ब्लैडर फटने से हमारी मौत हो सकती है। यहां हमें यह ध्यान रखना चाहिए कि जानवरों के साथ पानी की बोतल या यूरीन चार्ट नहीं होता है, उन्हें जब प्यास लगती है तब वह पानी पी लेते हैं। हमें भी ऐसा ही करना चाहिए।
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ज्यादा पानी पीना भी सेहत के लिए खतरनाक