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प्रकाश पर्व का इंतजाम देख बोले श्रद्धालु- जवाब नहीं आप लोगों का जी!  -देश विदेश से आए गुरु गोविंद सिंह के भक्तों के साथ सीएम नीतीश ने भी टेका मत्था

प्रकाश पर्व का इंतजाम देख बोले श्रद्धालु- जवाब नहीं आप लोगों का जी!  -देश विदेश से आए गुरु गोविंद सिंह के भक्तों के साथ सीएम नीतीश ने भी टेका मत्था

पटना। गुरु गोविंद सिंह महाराज के 354वें प्रकाश पर्व के मौक़े पर देश विदेश से गुरु गोविंद सिंह महाराज के भक्त प्रकाश पर्व में शामिल होने के लिए पटना साहिब पहुंचे हैं। प्रकाश पर्व में शामिल होने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी पहुंचे थे और उन्होंने भी गुरु के दरबार में मत्था टेका। इस दौरान नीतीश कुमार ने कहा कि पहले भी यहां प्रकाश पर्व होता था, लेकिन 2017 के बाद यहां ज्यादा लोग आते हैं।
सीएम नीतीश ने कहा कि कोरोना के कारण श्रद्धालुओं की संख्या को सीमित रखा गया है, उसके बावजूद बड़ी संख्या में लोग आ रहे। ये एक विशिष्ट स्थल है और हमलोगों के लिए ये खुशी की बात है। 350वें प्रकाश पर्व में हमलोगों ने भव्य व्यवस्था की थी। गुरुनानक देव जी का भी प्रकाश पर्व हमने शुरू किया। यहां आकर हमने अपनी श्रद्धा प्रकट की है। दूसरी ओर उल्लास और भक्ति में डूबे श्रद्धालु पटना साहिब आए तो उनके ज़ुबान से बार-बार यही निकला- सत नाम वाहे गुरु। गुरु के चरण में मत्था टेकने के बाद लंगर में सेवा करने और प्रसाद चखने के बाद आए हुए मेहमानों की ज़ुबान से यही निकला- धन्यवाद बिहार, आपने गुरु के दरबार में आने के लिए जो तैयारियां कर रखी हैं, उसके लिए बहुत-बहुत धन्यवाद। प्रकाश पर्व के दौरान पटना साहिब गुरुद्वारा को खूब सजाया संवारा गया है और सड़कों की साफ़ सफ़ाई से लेकर लाइटिंग और सुरक्षा का पुख़्ता इंतज़ाम किया गया है। पंजाब से आए हुए सतविंदर सिंह और उनके परिवार के लोग जब पटना पहुंचे और गुरु के दरबार में मत्था टेका तो उनका पूरा परिवार बेहद भावुक था। सतविंदर सिंह कहते हैं ठंड के बावजूद पूरे परिवार की इच्छा थी कि चाहे कुछ भी हो जाए पटना साहिब जाकर गुरु के दरबार में पहुंच बिना मत्था टेके नही जाएंगे। जब परिवार पटना पहुंचा और रेलवे स्टेशन से लेकर बस की सुविधा के साथ साथ रुकने का इंतज़ाम तक मुकम्मल था। कुछ ऐसी ही राय हरियाणा से आए हुए अस्सी साल की महिला लाजवंतो देवी का था जो पटना साहिब आकर अपने आंसू नहीं रोक पा रही थीं। पूछने पर कि माता जी दर्शन हुए, मत्था टेका तो बेहद भावुक होकर बोली- हां, बेटा कर लिया। फिर उनसे सवाल पूछा कि कोई दिक़्क़त,  तो कहने लगीं-  ना बेटा, आप लोगों का जवाब नहीं बेटा जी। आप लोगों को लख लख बधाइयां। लगा ही नहीं कि हम अपने शहर में नहीं हैं।
 

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