नोएडा। ग्रेटर नोएडा और नोएडा एक और बड़ा हब बनने जा रहा है। इस बार यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार ने इसमे यमुना एक्सप्रेस-वे को भी शामिल किया है। इन तीनों जगहों पर योगी सरकार इलेक्ट्रॉनिक सिटी बनाने जा रही है। इसके लिए ज़मीन की तलाश भी शुरु हो गई है। ग्रेनो में करीब 100 एकड़ जगह पर इलेक्ट्रोनिक सिटी बनाई जानी है। वहीं यमुना एक्सप्रेस-वे के किनारे जेवर में यह सिटी बनाई जाएगी। इस सिटी में आने के लिए कई बड़ी कंपनियां अपनी रजामंदी दे चुकी हैं। सरकार ने इन तीनों ही जगह को "इलेक्ट्रानिक्स मैन्युफैक्चरिंग जोन" घोषित किया है।
इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग के अफसरों के मुताबिक ओप्पो, सैमसंग, डिक्सन, हीरानंदानी ग्रुप, इंफोसिस तथा टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज जैसी बड़ी कंपनियों ने इलेक्ट्रॉनिक्स सिटी में निवेश करने के लिए पहल की है। वहीं ओप्पो ने तो टेगना क्लस्टर की स्थापना करने के लिए काम भी शुरु कर दिया है। ओप्पो के साथ तीन भारतीय तथा ताइवान की चार कंपनियां मिलकर टेगना क्लस्टर की स्थापना करेंगी। करीब दो हजार करोड़ रूपये का निवेश इस क्लस्टर में आएगा। नोएडा और ग्रेनो के अलावा तीसरी इलेक्ट्रॉनिक सिटी यमुना एक्सप्रेस-वे के किनारे जेवर एयरपोर्ट के पास बनाई जाएगी। सूत्रों की मानें तो इसके लिए अफसरों ने ज़मीन की तलाश भी शुरु कर दी है। इंटरनेशनल एयरपोर्ट और यमुना एकसप्रेस-वे के नजदीक होने के चलते अभी से तीनों ही जगह इस प्रोजेक्ट को एक कामयाब प्रोजेक्ट माना जा रहा है। प्रस्ताव के मुताबिक ग्रेनो में इलेक्ट्रॉनिक सिटी के लिए 100 एकड़ जमीन पर एक बड़ी विदेशी कंपनी ने काम भी शुरु कर दिया है। वहीं नोएडा की ज़मीन का मामला अभी बैठकों तक सीमित है। आईटी इंडस्ट्री को बढ़ावा देने के लिए सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क्स ऑफ इंडिया करीब 200 करोड़ रुपये की लागत से राज्य के सभी 18 मंडलों में आईटी पार्क तैयार कर रही है। सहारनपुर में 200 एकड़ में विकसित किया जा रहा है। वहीं मेरठ एवं आगरा में आईटी पार्कों का काम लगभग पूरा हो चुका है। गोरखपुर और वाराणसी में इस साल सितम्बर तक आईटी पार्क बन जाएंगे।
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नोएडा-ग्रेनो में और यमुना एक्सप्रेस-वे के किनारे बनेंगी इलेक्ट्रोनिक सिटी -इलेक्ट्रॉनिक सिटी के लिए योगी सरकार कर रही है जमीन की तलाश