पतंजलि की बिक्री में गिरावट के बावजूद कोलगेट पामोलिव और हिंदुस्तान यूनिलीवर (एचयूएल) ने पिछले साल ओरलकेयर सेगमेंट में बाबा रामदेव की वजह से अपनी बाजार हिस्सेदारी गंवाई। कोलगेट का बाजार शेयर वित्त वर्ष 2019 में 2.1 फीसदी गिरकर 49.4 फीसदी गया। कंपनी के कोलगेट डेंटल क्रीम, ऐक्टिव सॉल्ट और सिबाका जैसे ब्रैंड्स का बाजार शेयर पिछले वित्त वर्ष में घटा। यह जानकारी कंपनी के अधिकारियों ने मार्केट रिसर्च फर्म नीलसन के आंकड़ों के हवाले से दी है। उधर ओरलकेयर सेगमेंट में डाबर की बाजार हिस्सेदारी आधा फीसदी बढ़कर 13 फीसदी हो गई। एचयूएल का शेयर 0.60 फीसदी की गिरावट के साथ 16.4 फीसदी पर आ गया। वित्त वर्ष 2013 से 2018 के बीच कच्चे माल की कीमतों, विज्ञापन पर खर्च घटाने के कारण कंपनी का ऑपरेटिंग मार्जिन 6 फीसदी बढ़ा था।
बाजार के जानकारों ने कहा है कि पिछले तीन साल में टूथपेस्ट की श्रेणी में कोलगेट की बाजार हिस्सेदारी में 8 फीसदी की गिरावट आई है। इस सेगमेंट में शायद डाबर और पतंजलि के नेचुरल प्रॉडक्ट्स की तरफ ग्राहकों का झुकाव कुछ कम हो, लेकिन हमें लगता है कि उनके लिए यह पैसा वसूल कैटिगरी है। इसमें कोलगेट के स्वर्ण वेदशक्ति को कुछ सफलता मिली है, लेकिन इसके बावजूद उसके लिए बाजार हिस्सेदारी बढ़ाना आसान नहीं होगा। कोलगेट और एचयूएल के लिए यह बुरी खबर है क्योंकि पिछले दो साल से पतंजलि की ओवरऑल सेल्स में गिरावट आ रही है। इस बीच योग गुरु रामदेव की कंपनी के लिए कॉम्पिटिशन बढ़ा है। खासतौर पर उसे बहुराष्ट्रीय कंपनियों से कड़ी चुनौती मिल रही है। इन कंपनियों ने पतंजलि से मुकाबले के लिए कई कुदरती और हर्बल प्रॉडक्ट्स लॉन्च किए हैं। हालांकि ओरलकेयर कैटेगरी में पतंजलि का दबदबा बना हुआ है।
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टूथपेस्ट बाजार में पतंजलि और मजबूत हुआ - कोलगेट-हिंदुस्तान यूनिलीवर का बाजार शेयर घटा