कोलकाता । ने कहा कि ममता बनर्जी को उनके संबोधन से पहले जय श्री राम के नारे गूंजने पर इतना एलर्जी भरा रिएक्शन देने का मतलब नहीं था।
बोस ने कहा, " नेताजी एकता के लिए खड़े रहते थे। उन्होंने आजाद हिंद फौज में सभी समुदाय के लोगों को जगह दी। आप 'जय हिन्द' कहें या 'जय श्री राम' मुझे इसमें कोई अंतर नहीं लगता। 'जय श्री राम' ऐसा कोई नारा नहीं है, जिस पर ऐसी एलर्जिक रिएक्शन दिया जाए।"
ज्ञात रहे कि ममता ने अपने संक्षिप्त संबोधन के दौरान नारेबाजी करने वाले लोगों को फटकारा था। ममता ने कहा, "मुझे यहां बुलाने के बाद मेरा अपमान मत कीजिए, यह कोई सियासी कार्यक्रम नहीं है। अगर आप सरकारी कार्यक्रम में न्योता देते हैं तो उसका अपमान नहीं करना चाहिए।" ममता अपना भाषण बीच में ही खत्म करते हुए मंच से चली गईं।
शनिवार को ममता के सामने जब नारेबाजी हुई तब पीएम नरेंद्र मोदी भी मंच पर मौजूद थे। समारोह में जब ममता बोलने के लिए उठ खड़ी हुईं तो भीड़ ने नारेबाजी की, आयोजक उन्हें बार-बार शांत रहने के लिए कहते रहे। जब ममता के बोलने की बारी आई तो नारेबाजी करने वाली भीड़ पर उनका गुस्सा फूटा। उन्होंने लोगों को सरकारी कार्यक्रम की मर्यादा रखने की नसीहत दी।
बंगाल के उत्तरी 24 परगना जिले में डेढ़ साल पहले भी ममता बनर्जी का काफिला जब सड़क से गुजर रहा था तो कुछ लोगों ने जय श्री राम का नारा लगाया था तो ममता ने खुद कार रुकवा कर उन लोगों को फटकार लगाई थी। इस मामले में 3 लोगों को हिरासत में भी लिया गया था। गुरु रबींद्र नाथ टैगौर द्वारा स्थापित विश्व भारती विश्वविद्यालय के सौ साल पूरे होने पर आय़ोजित कार्यक्रम को लेकर भी ऐसा हुआ था। भाजपा ने आरोप लगाया था कि ममता ने इस समारोह में शामिल न होकर रबींद्र नाथ टैगौर का अपमान किया है। हालांकि ममता ने दावा किया कि उन्हें जानबूझकर समारोह का न्योता ही नहीं दिया गया।
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ममता को जय श्री राम के नारे गूंजने पर इतना एलर्जी भरा रिएक्शन देने का मतलब नहीं था : सीके बोस