अमेरिका के 46वें राष्ट्रपति के रूप में जोसेफ आर बाइडन ने कमान संभाल ली है।जबकि उपराष्ट्रपति के रूप में भारतीय मूल की पहली महिला कमला हैरिस ने शपथ ग्रहण की। नवनियुक्त राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा, 'मैं एक ऐसा राष्ट्रपति बना हूं, जो लोगो को बांटेगा नहीं, बल्कि उन्हें एकजुट करेगा।उन्होंने कहा कि एकता के बिना अमन नहीं आएगा। इसके बिना तरक्की नहीं होगी। हमने एक बार फिर सीखा है कि लोकतंत्र बेशकीमती है और नाजुक भी है, लेकिन लोकतंत्र यहां कायम है। कैपिटल हिल यानी अमेरिकी संसद परिसर में हुई इनॉगरल सेरेमनी में बाइडेन ने निर्धारित समय से 11 मिनट पहले राष्ट्रपति पद की शपथ ली। उन्होंने 128 वर्ष पुरानी बाइबिल पर हाथ रखकर शपथ ली और शपथ लेते ही वे अमेरिका के 46वें राष्ट्रपति बन गए।हालांकि इस शपथ ग्रहण समारोह में निवर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने हिस्सा नहीं लिया।गत 151 वर्ष में यह पहला अवसर है, जब कोई राष्ट्रपति, नए राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण में शामिल नहीं हुआ। निवर्तमान राष्ट्रपति ट्रम्प ने नए राष्ट्रपति बाइडेन के लिए एक पत्र छोड़ा है और जो बाइडेन की शपथ से पहले ही राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने फर्स्ट लेडी मेलानिया के साथ व्हाइट हाउस छोड़ दिया। पत्र में उन्होंने क्या लिखा है, इसका अभी तक खुलासा नहीं हुआ है। निवर्तमान उपराष्ट्रपति माइक पेंस ने भी नई उप राष्ट्रपति कमला हैरिस के लिए पत्र छोड़कर अपनी विदाई ली।जो बाइडेन के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए पूर्व राष्ट्रपतियों में बराक ओबामा ,उनकी पत्नी मिशेल , बिल क्लिंटन,उनकी पत्नी हिलेरी क्लिंटन व जॉर्ज डब्ल्यू बुश व उनकी पत्नी लारा बुश है।नए राष्ट्रपति बाइडेन ने कहा कि 108 साल पहले जब ऐसा ही शपथ समारोह हुआ था, तब हजारों प्रदर्शनकारियों ने राइट टु वोट की मांग कर रही बहादुर महिलाओं का रास्ता रोकने की कोशिश की थी। आज हम देख रहे हैं कि नेशनल ऑफिस के लिए एक महिला ने शपथ ली है। ये हैं उपराष्ट्रपति कमला हैरिस।राष्ट्रपति के उदबोधन से गद गद उपराष्ट्रपति कमला हैरिस के शब्दों में, 'अमेरिकी नागरिकों ने एक नए दिन की शुरुआत की है। बाइडेन बोले, 'हमारी राजनीति का मकसद राष्ट्र के लिए काम करना है ।हमें याद रखना है कि हमारी राजनीति बेदर्द और खत्म न होने वाली लड़ाई नहीं है। हमारी राजनीति का मकसद राष्ट्र के लिए काम करना है। टकराव को भड़काना नहीं है, बल्कि समस्याओं का समाधान करना है। न्याय की गारंटी देना है। सबको समान अधिकार देने हैं। हमारे लोगों के जीवन स्तर में सुधार करना है। हम प्रतिद्वंद्वी हो सकते हैं लेकिन, हम दुश्मन नहीं हैं।'
पहले अमेरिका के उपराष्ट्रपति रह चुके बाइडन अमेरिका के इतिहास में कभी सबसे युवा सीनेटरों में से एक रहे हैं। वहीं, 77 साल के बाइडन अब अमेरिकी इतिहास के सबसे अधिक आयु वाले राष्ट्रपति भी बन गए हैं। बाइडन का जन्म 20 नवंबर 1942 को पेंसिल्वेनिया के स्क्रैंटन में हुआ था। उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के कार्यकाल में 2009 से 2017 तक अमेरिका के 47वें उपराष्ट्रपति का दायित्व भी सम्भाला। बाइडेन का जन्म नवंबर 1942 में हुआ था, तब भारत में 'अंग्रेजों भारत छोड़ो आंदोलन' चल रहा था। जो बाइडेन बराक ओबामा के पूर्व उपाध्यक्ष रहे हैं और 2020 के राष्ट्रपति पद के लिए डेमोक्रेटिक उम्मीदवार हैं। बाइडेन सिरैक्यूज़ यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ़ लॉ के स्नातक हैं, स्नातक करने के एक साल बाद डेलावेयर बार परीक्षा पास की है। उन्होंने काउंटी परिषद के लिए काफी अभ्यास किया। अमेरिकी सीनेट में रहते हुए, बाइडेन ने न्यायपालिका समिति और विदेशी संबंध समिति में सेवा की, कानून और राष्ट्रीय सुरक्षा के मामलों में एक महत्वपूर्ण अनुभव का निर्माण किया।
बाइडेन की पहली पत्नी नेलिया बेटी नाओमी की सन1972 में कार दुर्घटना में मौत हो गई। उनके दो बेटे हैं हंटर और ब्यू। डेमोक्रेटिक राइजिंग स्टार ब्यू की 46 साल की उम्र में 2015 में ब्रेन कैंसर से मृत्यु हो गई। जो बाइडेन ने पांच साल बाद 1977 में जिल जैकब्स से शादी कर ली।
अमेरिका के होने वाले राष्ट्रपित जो बाइडेन की कुल संपत्ति की बात करें तो, 2019 में जारी वित्तीय दस्तावेजों के अनुसार, बाइडेन और उनकी पत्नी की कुल कमाई 15 मिलियन यूएस डॉलर से अधिक है।
बाइडेन काफी अनुभवी हैं, बाइडेन ने अमेरिकी सीनेट में 6 कार्यकाल और उपराष्ट्रपति के रूप में दो कार्यकाल तक कार्य किया है। वैश्विक संकट के बीच, बाइडेन राष्ट्रपति ट्रम्प के पदभार ग्रहण करने से पहले सेवा में कमी के खिलाफ अपने सरकारी अनुभव का लाभ उठाना चाह रहे हैं। बाइडेन के पास आठ साल का ओबामा नीति का अनुभव भी है।बाइडन और कमला हैरिस, दोनों का ही भारत से संबंध रहा है। दोनों के ही संबंध चेन्नई से जुड़े हुए हैं। 19वीं सदी में क्रिस्टोफर बाइडन और विलियम बाइडन ईस्ट इंडिया कंपनी के लिए काम किया करते थे। क्रिस्टोफर और विलियम बाइडन भाई थे। बाइडन ने सबसे पहले भारत से सम्बंध होने का दावा सन 2013 में किया था। इसके दो साल बाद उन्होंने बताया था कि वह जॉर्ज बाइडन के वंशज हैं। जॉर्ज ईस्ट इंडिया कंपनी में कैप्टन रहे। सेवानिवृत्ति के बाद जॉर्ज बाइडन ने भारत में रहने का फैसला किया था और एक भारतीय महिला से विवाह किया था।अमेरिका के इस ऐतिहासिक चुनाव में भारतीय मूल की कमला हैरिस ने भी इतिहास रचा है। हैरिस को बाइडन ने अपना रनिंग मेट यानी उपराष्ट्रपति पद का प्रत्याशी घोषित किया था। इस जीत के साथ ही हैरिस पहली ऐसी महिला बन गई हैं जो अमेरिका के उपराष्ट्रपति पद पर आसीन हुई। इसके साथ ही वह पहली महिला, पहली अश्वेत और पहली दक्षिण एशियाई उपराष्ट्रपति बनी है।राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अपनी सरकार में बीस भारतीय मूल के लोगो को शामिल किया है।जिससे हम कह सकते है कि अमेरिका के नये राष्ट्रपति का भारत से सम्बंध ओर प्रगाढ होंगे,जो भारत के एक शुभ संकेत है।
(लेखक- डॉ. श्रीगोपाल नारसन एडवोकेट)
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जो बाइडेन का राष्ट्रपति बनना भारत के लिए एक शुभ संकेत!