नई दिल्ली । महान स्वतंत्रता नेताजी सुभाषचंद्र बोस की जयंती समारोह के मौके पर पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के सामने हुई 'जय श्रीराम' की नारेबाजी को लेकर मामला बढ़ता दिख रहा है। इस घटनाक्रम ने विधानसभा चुनाव के पहले राज्य में सियासी पारा और बढ़ा दिया है। पश्चिम बंगाल बीजेपी के प्रमुख कैलाश विजयवर्गीय ने भी अब इस मामले पर ममता बनर्जी पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि जय श्रीराम के नारे को लेकर ममता बनर्जी का नाराज होना सोची-समझी राजनीति का हिस्सा है। पश्चिम बंगाल के बीजेपी प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने आगे कहा कि नेताजी की जयंती के समारोह के मौके पर मंच पर पीएम मोदी के सामने ममता बनर्जी ने जो राजनीतिक हथकंडा अपनाया है वह उसकी कड़ी निंदा करते हैं। उन्होंने कहा कि टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी को सोचना चाहिए कि किस देश में उन्हें रहना है। विजयवर्गीय ने यह भी कहा कि अगर किसी मंच पर प्रधानमंत्री खड़े हैं और वहां जय श्रीराम का नारा लगाया जाता है तो इसमें बुराई क्या है।
भाजपा प्रभारी ने कहा कि चुनाव नजदीक आ रहे हैं। ऐसे में ममता बनर्जी को अल्पसंख्यकों के वोट चाहिए इसलिए उन्होंने इस मंच का लाभ उठाया। सिर्फ जय श्रीराम के नारे लगने की वजह से ममता बनर्जी का भाषण देने से इनकार करना उनकी हताशा को दर्शाता है। विजयवर्गीय ने कहा कि उन्हें समझ नहीं आता कि 'जय श्रीराम' का नारा लगाने में क्या समस्या है और ममता जी इससे क्यों नाराज हैं। टीएमसी सांसद नुसरत जहां ने भी इस मामले में अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि राम का नाम गले लगाकर बोलें न कि गला दबाके। नुसरत ने कहा था कि वह स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती समारोह में राजनीतिक और धार्मिक नारेबाजी की कड़ी निंदा करती हैं
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अल्पसंख्यक वोटों के लिए 'जय श्री राम' के नारे से चिढ़ रही हैं ममता बनर्जी : कैलाश विजयवर्गीय