रेलवे जल्द ही शुरू करेगी अपनी नियमित सेवाएं
कोरोना महामारी के चलते भारतीय रेल की जो नियमित यात्री सेवाएं निरस्त कर दी गई थी उन्हें अब फिर से चालू किए जाने के संकेत मिल रहे हैं। इसके साथ ही रेलवे नया टाइमटेबल भी जारी कर सकती है। वर्तमान में रेलवे पूरी तरह आरक्षित श्रेणी की स्पेशल ट्रेनें ही चला रही है। अब कोविड मामलों से मिल रही राहत के चलते ट्रेनों की आवाजाही की समीक्षा की जा रही है। अभी लगभग 1150 मेल एक्सप्रेस गाड़ियां विशेष श्रेणी में चलना शुरू हो गई हैं और लगातार इन गाड़ियों की संख्या बढ़ ही रही है। रेल मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, सब कुछ ठीक रहा तो अगले वित्तीय वर्ष में 01 अप्रैल से भारतीय रेल अपनी नियमित रेल यात्री सेवाओं को शुरू कर देगी। हालांकि अभी यह तय नहीं है कि नियमित रेल यात्री सेवा शुरू होने के साथ ही नया टाइम टेबल भी लागू कर दिया जाएगा।
आयकर छूट की सीमा बढ़ने की उम्मीद
वित्त वर्ष 2021-2022 के लिए एक फरवरी को आम बजट पेश किया जाना है। कोरोना संकट काल के बीच पेश किये जाने वाले इस बजट को लेकर लोगों को काफी उम्मीदें हैं। विशेषज्ञों और करदाताओं को उम्मीद है कि आने वाले बजट में राहत दी जा सकती है और विशेषज्ञों ने उम्मीद जताई है कि आयकर की धारा 80सी के तहत मिलनेवाली छूट की सीमा बढ़ सकती हैं जो वर्तमान में 1.5 लाख रुपये है। उम्मीद है कि आने वाले बजट में इस धारा के तहत छूट की सीमा तीन लाख रुपये तक की जा सकती है। ऐसा होने पर निवेश में बढ़ोतरी होगी और अर्थव्यवस्था में विस्तार होगा। वित्तीय विश्लेषकों का मानना है कि वर्तमान में लंबे समय की बचत योजनाओं के लिए ऐसी कोई टैक्स पॉलिसी नहीं है, जिससे प्रोत्साहन मिले। उल्लेखनीय है कि लंबे समय की बचत योजनाओं में निवेश बढ़ने पर अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलती है।
मिलने वाला है डिजीटल वोटर-आईडी का तोहफा
चुनाव आयोग मतदाताओं को शानदार तोहफा देने की तैयारी में है। देश के मतदाताओं को 25 जनवरी को मतदाता दिवस के मौके पर इलेक्ट्रॉनिक इलेक्टर्स फोटो आईडेंटिटी एप (ई-इपिक) का उपहार मिलेगा। इसकी मदद से मतदाता पहचान पत्र को डिजीटल रूप में रखा जा सकेगा। ई-इपिक में एक तय प्रक्रिया और कुछ नियमों का पालन करना होगा। इसके बाद आधार की तरह ही मतदान पहचान पत्र भी डाउनलोड होकर ई-वॉलेट का हिस्सा बन जाएगा। डिजीटल कार्ड के लिए मतदाता को अपनी पूरी जानकारी का सत्यापन कराना होगा। बैंक की केवाईसी की तरह मोबाइल नंबर के साथ ई-मेल की अनिवार्यता होगी। मोबाइल नंबर चुनाव आयोग की मतदाता सूची में दर्ज होते ही एप के माध्यम से आवेदन करने पर मेल और एक संदेश फोन पर प्राप्त होगा। इसमें एक बार इस्तेमाल होने वाला ओटीपी होगा जो कि आपका पासवर्ड होगा। इसका प्रयोग करके कार्ड प्राप्त किया जा सकेगा। इसमें दो क्यूआर कोड होंगे, एक में मतदाता की संपूर्ण जानकारी और दूसरे में उसके इलाके में होने वाले चुनाव और उससे जुड़ी जानकारियां होंगी। आयोग हार्ड कापी का विकल्प भी जारी रखेगा और इसके लिए 25 रुपये का शुल्क लगेगा। डिजिटल व्यवस्था से कार्ड खोने और नए कार्ड प्राप्त करने के झंझट से मुक्ति मिलेगी, साथ ही आयोग को भी कार्ड की डिलीवरी से राहत मिलेगी।
चीनी वैक्सीन से भरोसा उठा, भारत पर सबकी निगाहें
कोरोना वायरस की जंग में चीन ने दुनिया के देशों का भरोसा खोया है। इसमें लगातार बढ़ोतरी ही हो रही है। उस पर कोरोना की कई महत्वपूर्ण जानकारियां छिपाने का भी आरोप लगता रहा है लेकिन लगता है उस पर इसका कोई असर नहीं हुआ है। इसके विपरीत भारत पर विश्व की नजरें आशाओं से भरी दिखाई दे रही है। वैक्सीन मामले में भारत ने जिस तरह अन्य देशों को मदद पहुंचाई है उससे भारत की प्रतिष्ठा में वृद्धि हुई है। उदाहरण के लिए ब्राजील, कंबोडिया जैसे देशों ने, जिन्होंने चीन से या तो टीका खरीद लिया था या फिर उन्हें आॅफर किया गया था, अब भारत का रुख किया है। ये देश भारत की एस्ट्राजेनेका वैक्सीन की मांग कर रहे हैं। कोरोना वैक्सीन की कमर्शियल सप्लाई और अनुदान सहायता के लिए भारत को लगातार अनुरोध मिल रहे हैं। यह तब से और बढ़ गया, जबसे नई दिल्ली ने सात पड़ोसी देशों के लिए कोविशील्ड की 50 लाख खुराकें निकाली हैं जबकि ब्राजील को कमर्शियल सप्लाई के रूप में शुक्रवार को टीकों के 20 लाख डोज दिए। वहीं, इंडोनेशिया, जिसे चीन की कोरोनावैक की 30 लाख डोज मिल चुकी हैं, वे भारत से एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन खरीदने की योजना बना रहा है।