पटना । बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नेतेजस्वी यादव को जवाब देते हुए कहा है कि कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न की अनुशंसा केन्द्र को पहले ही भेज दी है। दरअसल तेजस्वी ने ट्वीट कर पूछा था कि आख़िर डबल इंज़न की सरकार होने के बावजूद प्रख्यात समाजवादी और पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न क्यों नहीं मिल रहा है तो नीतीश कुमार ने भी ट्वीट कर जवाब में अपनी सरकार की स्थिति स्पष्ट की।
तेजस्वी ने रविवार को कर्पूरी जयंती पर पहला ट्वीट किया। उन्होंने कहा, सामाजिक न्याय, दबे कुचलों के उत्थान और समावेशी नीतियों व विचारों के पुरोधा, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जननायक कर्पूरी ठाकुर जी को उनकी जयंती पर कोटि-कोटि नमन करता हूं। राजद की ओर से मैं एक बार फिर उन्हें भारत रत्न देने की मांग करता हूं।
सोमवार को उन्होंने फिर पूछा कि आख़िर इस मामले में राष्ट्रपति भवन के सामने परेड करने से किसने रोका है। लेकिन इस ट्वीट में व्यंग्य की तल्ख़ी भी थी। बिहार से एनडीए के 40 में से 39 सांसद होने के बावजूद ड़बल इंजन सरकार जननायक को भारत रत्न क्यों नहीं दे रही है? क्या इसलिए कि वो वंचित समूह से संबंध रखते हैं?
तेजस्वी ने पटना यूनिवर्सिटी को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा न मिलने का भी सवाल उठाया था। इसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आधे घंटे के अंदर ट्वीट कर सफ़ाई दी और गिनाया कि आख़िर उनकी सरकार ने ये अनुशंसा कितनी बार केंद्र सरकार को भेजी है। हमने जननायक कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न से सम्मानित करने के लिए अपनी अनुशंसा केन्द्र सरकार को पहले ही भेज दी है। इससे पहले भी वर्ष 2007, 2017, 2018 एवं 2019 में भारत रत्न के लिए इनके नाम की अनुशंसा की गई थी। हमारी ख्वाईश है कि जननायक कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न से विभूषित किया जाय।
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कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न की अनुशंसा केन्द्र को पहले ही भेज दी - नीतीश का तेजस्वी को जवाब