YUV News Logo
YuvNews
Open in the YuvNews app
OPEN

फ़्लैश न्यूज़

लीगल

दिल्ली में हिंसा के खिलाफ अब तक 22 एफआईआर  दर्ज

दिल्ली में हिंसा के खिलाफ अब तक 22 एफआईआर  दर्ज

नई दिल्ली । कृषि कानूनों के खिलाफ ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा को लेकर दिल्ली पुलिस ने कई एफआईआर दर्ज किए हैं। अभी तक मिली जानकारी के मुताबिक अलग-अलग जिलों में कुल 22 एफआईआर दर्ज किए गए हैं। ईस्टर्न रेंज में 5 एफआईर दर्ज हुए हैं जबकि नजफगढ़, हरिदास नगर, उत्तम नगर में एक-एक एफआईआर दर्ज की गई है। दिल्ली पुलिस (ईस्टर्न रेंज) ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने आठ बसों और 17 प्राइवेट गाड़ियों को नुकसान पहुंचाया है। इस प्रदर्शन में 86 पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं। इस बवाल में सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाना, पुलिसकर्मियों के साथ मारपीट और हथियारों की लूट जैसे मामलों में केस दर्ज किए गए हैं। ट्रैक्टर रैली के दौरान एक किसान ने पुलिसवालों पर ट्रैक्टर चढ़ाने की कोशिश की। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस की बसों और गाड़ियों को जमकर तोड़ा और लाल किला पहुंच गए। इस दौरान लाल किले पर खालसा पंथ का झंडा 'निशान साहिब' लहरा दिया। प्रदर्शनकारी इतने उग्र हो गए थे कि पुलिस वालों पर भी हमला बोल दिया जिसके बाद पुलिस को भागकर अपनी जान बचानी पड़ी। पुलिस के मुताबिक, उपद्रवियों ने 8 डीटीसी बस, 17 पब्लिक व्हिकल, 4 कंटेनर और 300 से ज्यादा लोहे के बेरीकेड्स तोड़ डाले हैं। ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा को लेकर संयुक्‍त किसान मोर्चा ने खुद को अलग कर लिया। यह मोर्चा 41 किसान यूनियनों का प्रतिनिधित्‍व कर रहा है। ट्रैक्टर रैली को लेकर किसानों के साथ सहमति बनी थी कि ट्रैक्टर मार्च दिल्ली की ओर कूच नहीं करेगा। इसके अलावा कई अन्य शर्तों पुलिस और किसानों के बीच समहति बनी थी। सहमति बनने के बाद पुलिस ने रैली की इजाजत दी थी लेकिन  ट्रैक्टर परेड में शामिल कई प्रदर्शनकारियों ने शर्तों का उल्लंघन किया। ट्रैक्टर मार्च को लेकर कहा गया था कि एक ट्रैक्टर पर पांच से ज्यादा लोग नहीं बैठेंगे प्रदर्शनकारियों ने इस शर्त का भी उल्लंघन किया। ट्रैक्टर मार्च इतना ज्यादा हिंसक हो गया कि पुलिस की बैरिकेटिंग को तोड़ते हुए लाला किले तक पहुंच गया। इस दौरान कई बार ऐसा देखा गया कि प्रदर्शनकारी पुलिसकर्मियों पर हमला कर रहे हैं। प्रदर्शनकारियों को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने जब आंसू गैस के गोले दागे तो जवाब में प्रदर्शनकारियों ने पुलिस की ओर पत्थर फेंके। हिंसा की खबरों के बाद संयुक्त किसान मोर्चा ने ट्रैक्टर परेड को रोक दिया और इसमें शामिल लोगों से तुरंत अपने विरोध स्थलों पर वापस जाने की अपील की। संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से जारी बयान में कहा गया, ''हमने किसानों के गणतंत्र दिवस परेड को तत्काल प्रभाव से रोक कर दिया है और सभी प्रतिभागियों से अपील की है कि वे तुरंत अपने संबंधित विरोध स्थलों पर वापस लौट जाएं। किसान मोर्चा ने ट्रैक्टर परेड के दौरान हिंसा में शामिल प्रदर्शनकारियों से खुद को अलग कर लिया। किसान मोर्चा ने आरोप लगाया है कि परेड में कुछ असामाजिक तत्व घुस गए थे।
 

Related Posts