असफलता जीवन की एक वास्तविकता है जिसका सामना सभी मनुष्यों को अपने जीवन में कभी न कभी, किसी न किसी रूप में करना ही पड़ता है. इससे कोई भाग नही सकता।
अलबर्ट आइंस्टीन ने कहा था कि “ यदि कोई व्यक्ति कभी असफल नहीं हुआ इसका मतलब उसने अपने जीवन में कभी कुछ नया करने की कोशिश नहीं की”
अगर आप असफल नहीं होते इसका मतलब आप अपने जीवन में रिस्क लेने से डर रहे हैं। यह आपके जीवन का सबसे बड़ा ख़तरा है,कि आप कोई ख़तरा नहीं ले रहे हैं। बिना रिस्क लिए,कोई भी व्यक्ति कभी ऊपर नहीं उठा है।रिस्क तो आपको लेना ही पड़ेगा।आगे बढ़ें और चुनौतियों को स्वीकार करें।यदि आप कुछ बातों पर गहराई से विचार करें तो आप आसानी से अपनी असफलता को सफलता में बदल सकते हैं-
सबसे ज़रूरी है कि अपनी असफलताओ से सीख लें।बात ये नहीं है,किआप असफल हुए ।बात तो इसमें है,किआपने अपनी असफलता से क्या सीखा. “थॉमस अल्वा एडिशन बचपन से हर प्रयोग में असफल हो रहे थे ।9999 प्रयोग के बाद उन्होंने इलेक्ट्रिक बल्ब बनाया।वो हर प्रयोग के असफल होने के बाद ये नहीं सोचते थे कि मैं असफल हो गया।बल्कि सोचते थे कि आज इस असफलता से मैंने क्या सीखा।उन्होंने बात- चीत के दौरान एक रिपोर्टर से कहा की ‘मैं 9999 तरीके सीख गया हूँ जिनसे बल्ब नहीं बनता’”।
असफलता कोई समस्या नहीं है पर अपनी असफलताओं से सीख न लेना ये बहुत बड़ी समस्या है. किसी ने सच ही कहा है कि “समस्या समस्या में नहीं है,बल्कि समस्या को समस्या समझना एक बहुत बड़ी समस्या है।"कभी भी अपनी असफलताओं के पीछे के कारण पर पर्दा न डालें।हम अक्सर अपनी असफलताओं को स्वीकार करने से डरते हैं और अपने आप को ही बहाने बनाकर समझाने लगते है कि मेरी असफलता मेरे कारण नहीं बल्कि दूसरों के कारण है।लोगों के पास ये बताने के बहुत से कारण हैं कि मैं असफल क्यों हुआ।कुछ कहते हैं,कि मेरे पास पैसा नहीं था, कुछ कहते है कि मेरे पास ताक़त नहीं थी, कुछ कहते हैं कि मेरे पास अवसर नहीं था , कुछ कहते हैं कि मुझे मौका ही नहीं मिला. ठीक है भले ही आपके पास साधन नहीं है पर अगर आपके पास साधन जुटाने की क्षमता है तो आपको कोई नहीं रोक सकता।अपनी असफलताओं के बहाने मत ढूंढें,क्योंकि ये कुछ समय के लिए तो आपको तसल्ली दे सकते हैं,पर आपको आपकी सफलता से कई कदम दूर भी कर सकते हैं।जिस क्षण आप अपनी असफलता को दिल से गले लगाते हैं और अपने व्यक्तिगत विकास के लिए इसके महत्व को समझते हैं, उसी क्षण आप सफलता की ओर पहली सीढ़ी पर कदम रखते हैं।
आप सदा सावधान रहें कि आप अपने आप से कैसे बात करते हैं, क्योंकि आप सुन रहे हैं।अपने आप से कभी ये मत पूछें,कि मैं असफल क्यों हो जाता हूँ,बल्कि ये पूछें कि मैंने अपनी कौन-सी ताक़त का अब तक इस्तेमाल नहीं किया।अगर आप अपना पूरा ध्यानकेंद्रण कठिनाइयों पर रखेंगे तो सफल होने की सारीसंभावनाए ख़त्म होती जाएँगी।दोस्तो, सफलता न मिलने का सबसे बड़ा कारण है कि आपका अपने किसी भी काम में असफल होने का डर होना। अगर आपने एक बार ये मान लिया किया कि आप ये नहीं कर सकते तो आप अपने पूरे मन से प्रयत्न नही कर पाते और बार बार असफल होते हैं और फिर यही डर आपकी सोच पर हावी हो जाता है।
कैंसर जैसी बीमारी तो एक बार ठीक भी हो सकती है पर आपकी सोच को कोई भी बाहरी व्यक्ति नहीं ठीक कर सकता ।एक बात हमेशा याद रखिये किअसफल होने से आप और भी ज्यादा मजबूत बनते हैं और आपको आपका लक्ष्य और भी ज्यादा साफ़ नज़र आता है।
दोस्तो,हक़ीक़त यह है कि अगर आपको सफलता पानी है तो आपको अपना कोई एक लक्ष्य निर्धारित करना होगा . अपने लक्ष्य पर जी जान लगाकर मेहनत करो.बहुत सारे काम एक साथ करने की जरूरत नहीं है ।वो करो जो सही है वो नहीं जो आसान है।अक्सर लोग अपनी तुलना दूसरों से करते हैं,वो दूसरों की सफलताओं को देखकर सोचते हैं कि क्या मैं इन जैसा सफल नहीं हो सकता? पर शायद वो ये नहीं जानते या नहीं जानना चाहते कि एक सफल व्यक्ति ने भी ना जाने अपने जीवन में कितनी असफलताओं का सामना किया होगा।भारत के पूर्व राष्ट्रपति और विश्व के महान वैज्ञानिकों में से एक डॉ कलाम ने कहा था कि “अगर आपको अपने जीवन में तेज़ी से सफलता को हासिल करना है तो सफलता की कहानियाँ मत पढ़िए,उससे आपको सिर्फ प्रेरणा ही मिलेगी ,अगर पढना है तो असफता की कहानियां पढ़िए क्योंकि उससे आपको आपके अन्दर की कमियों के बारे में पता चलेगा और आप ज्यादा अच्छे तरीके से अपनी कमियों को सुधार सकेंगे” ।
याद रखें कि जितनी जल्दी हम अपनी असफलताओं को झटकना बंद कर देंगे,और उनसे सीखना शुरू कर देंगे ,उतनी ही आसानी से हम सफलता की सीढ़ी चढ़ते जायेंगे।
(लेखक-प्रो(डॉ)शरद नारायण खरे )
आर्टिकल
असफलता से सफलता का मार्ग प्रशस्त करिए