सिंडिकेट बैंक को 2019 की जनवरी-मार्च तिमाही में 128.02 करोड़ रुपए का मुनाफा हुआ है। इसके मुकाबले पिछले साल की इसी तिमाही में बैंक को 2,195.12 करोड़ रुपए का घाटा हुआ था। वहीं इसकी आमदनी 1,678.77 करोड़ रुपए के मुकाबले 16.29 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 1,952.24 करोड़ रुपए और आमदनी 6,046 करोड़ रुपए की तुलना में 4.94 फीसदी की वृद्धि के साथ 6,345.22 करोड़ रुपए रही। साल दर साल आधार पर जनवरी-मार्च में सिंडिकेट बैंक का ऑपरेटिंग मुनाफा 934.15 करोड़ रुपए 13.15 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 1,056.96 करोड़ रुपए रहा। बैंक के एनपीए अनुपात में भी सुधार हुआ है। बैंक का सकल एनपीए अनुपात 11.53 फीसदी से घटकर 11.37 फीसदी और एनपीए अनुपात 6.28 फीसदी की तुलना में 6.16 फीसदी पर आ गया। गौरतलब है कि प्रोविजन कम होने का सिंडिकेट बैंक के नतीजों पर सकारात्मक असर पड़ा। बैंक के प्रोविजन 3,544.68 करोड़ रुपए के मुकाबले 831.22 करोड़ रुपए के रह गए। सिंडिकेट बैंक ने सभी अवधियों के लिए एमसीएलआर में पांच आधार अंकों की बढ़ोतरी भी कर दी है। बैंक की एमसीएलआर या न्यूनतम ऋण दर एक दिन के लिए 8.15 फीसदी के मुकाबले 8.20 फीसदी, एक महीने के लिए 8.25 फीसदी से बढ़ाकर 8.30 फीसदी, तीन महीनों के लिए 8.40 फीसदी से 8.45 फीसदी, छह महीनों के लिए 8.55 फीसदी से 8.60 फीसदी और एक वर्षीय एमसीएलआर 8.60 फीसदी से कर 8.65 फीसदी हो गई है।