नई दिल्ली । केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो ने एक निजी कंपनी एबीसीआई इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के निदेशक पवन बैद को ठेका लेने के लिए पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी को एक करोड़ रुपये की कथित रिश्वत देने के आरोप में गिरफ्तार किया है। बैद 17 जनवरी से फरार था। अधिकारियों ने इसकी जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि यह रिश्वत पूर्वात्तर सीमांत रेलवे के सीएओ-निर्माण-II महेंद्र सिंह चौहान के एक रिश्तेदार को कथित रूप से दिया गया। चौहान को 17 जनवरी को गिरफ्तार कर लिया गया। सीबीआई के प्रवक्ता आर सी जोशी ने बताया, आरोपी (बैद) 17 जनवरी से फरार था और जांच में शामिल नहीं हो रहा था। इसके बाद 23 जनवरी को आरोपी के खिलाफ सीबीआई के विशेष न्यायाधीश ने एक गैर जमानती वारंट जारी किया। उन्होंने बताया, आरोपी के गुवाहाटी, अररिया (बिहार) सिलीगुड़ी और नयी दिल्ली समेत अन्य स्थानों पर उसके छिपने के ठिकानों का पता लगाया और छापेमारी की गई।
अंतत: उसे दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया गया। प्रवक्ता ने बताया कि इंडियन रेलवे सर्विस आफ इंजीनियरिंग के 1985 बैच के अधिकारी चौहान को गुवाहाटी के मालीगांव से गिरफ्तार किया गया जबकि दो अन्य एबीसीआई इंफ्रास्ट्रक्चर के कर्मचारी भूपेंद्र रावत एवं एक अन्य इंद्र सिंह- को उत्तराखंडके देहरादून से गिरफ्तार किया गया था।
गिरफ्तार किए गए आरोपियों एवं कंपनी के अलावा केंद्रीय जांच ब्यूरो ने रेलवे के दो अन्य अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। इसमें उप मुख्य अभियंता हेम चंद बोरा तथा सहायक कार्यपालक अभियंता लक्ष्मी कांत वर्मा शामिल हैं। अधिकारी ने बताया कि आरोप है कि 58 साल के चौहान ने पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के विभिन्न परियोजनाओं का ठेका देने में आरोपी कंपनी का पक्ष लेने के लिये रिश्वत की मांग की थी। सीबीआई ने आरोप लगाया कि निजी कंपनी का निदेशक पूर्वोत्तर सीमांत क्षेत्र में जारी रेलवे के विभिन्न परियोजनाओं के सिलसिले में उपरोक्त सीएओ के संपर्क में था।
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सीबीआीई ने निजी कंपनी के अधिकारी को किया गिरफ्तार