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करोड़ों रुपए के हाउसिंग सोसायटी घोटाला मामले में 10 लोग दोषी करार

करोड़ों रुपए के हाउसिंग सोसायटी घोटाला मामले में 10 लोग दोषी करार

नई दिल्ली । करोड़ों रुपये के हाउसिंग सोसायटी घोटाला मामले में अदालत ने रजिस्ट्रार कार्यालय के रजिस्ट्रार समेत दस लोगों को दोषी करार दिया है। यह मामला 15 साल पहले सीबीआई ने दर्ज किया था। इस मामले के दोषियों की सजा पर बहस के लिए अदालत ने अगले सप्ताह की तारीख तय की है। राउज एवेन्यू स्थित विशेष न्यायाधीश वीरेन्द्र भट्ट की अदालत ने रजिस्ट्रार कार्यालय के रजिस्ट्रारर नारायण दिवाकर व अन्य को भ्रष्टाचार, धोखाधड़ी, जालसाजी व आपराधिक साजिश के तहत दोषी ठहराया है। अदालत ने इस मामले में फैसला सुनाते हुए कहा कि दिल्ली में सौ से ज्यादा सोसायटी में जमीन का घोटाला सामने आया। सैंकड़ों करोड़ रुपये के हाउसिंग सोसायटी घोटाले से जुड़े सभी मामलों में रजिस्ट्रार कार्यालय के अधिकारी व कर्मचारी शामिल पाए गए हैं। एक सरकारी तंत्र का इतने बड़े घोटाले में शामिल पाया जाना भ्रष्टाचार की जड़ों के गहरा फैलने की तरफ साफ इशारा कर रहा है। साथ ही यह भी पता चलता है कि इन सरकारी कर्मचारियो में कानून का कोई भय नहीं था। 
ऐसे लोगों के प्रति सख्ती जरुरी है। इस के तहत अदालत ने सोसायटी के नाम पर फर्जी तरीके से जमीन आवंटित कराने वाले दस लोगों को दोषी ठहरा रही है। सीबीआई के मुताबिक सी शो नाम से वर्ष 1983 में एक सोसायटी पंजीकृत कराई गई थी। लेकिन समय बीतने के साथ-साथ यह सोसायटी निष्क्रिय हो गई। इस सोसायटी को फर्जी सदस्यों के आधार पर वर्ष 2002 में पुनर्जीवित कराया गया। इसके बाद सोसायटी के नाम पर जमीन आवंटित कराई गई। लेकिन वर्ष 2006 में दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश पर दिल्ली के सैंकड़ों हाउसिंग सोसायटी की जांच सीबीआई ने शुरु की। इन सोसायटी में बड़ा घोटाले का खुलासा होने पर सीबीआई ने मुकदमा दर्ज किया गया था। तब से यह मामला अदालत में लंबित था। अभियोजन पक्ष के अनुसार रजिस्ट्रार कार्यालय की मिलीभगत के चलते फर्जी सोसायटी को सााकेत के पुष्प विहार में जमीन आवंटित की गई। दक्षिणी दिल्ली में स्थित यह जमीन बहुत महंगी थी, जिसे मामूली कीमत पर फर्जी सोसायटी के नाम पर आवंटित कर दिया गया। इसके बाद इस जमीन पर निर्माण कर महंगी कीमत पर बेच दिया गया। हाउसिंग सोसायटी घोटाला मामले में रजिस्टारर नारायण दिवाकर समेत अन्य आरोपी दर्जन भर मामले में पहले ही दोषी ठहराए जा चुके हैं। इन मामलों में इन दोषियों को सजा भी सुनाई जा चुकी है।
 

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