
नई दिल्ली । वैश्विक कोरोना महामारी के मद्देनजर टोक्यो ओलिंपिक गेम्स के दौरान इंटरनेशनल ओलिंपिक कमिटी (आईओसी) ने बेहद सख्त नियम बनाए हैं, जिनका अगले हफ्ते खुलासा किया जाएगा। इस दौरान खिलाड़ियों को ओलिंपिक गांव से बाहर जाने की इजाजत नहीं होगी। वे सिर्फ उन्हीं जगहों पर जा सकेंगे, जहां उनके मुकाबले होंगे। इसके अलावा सभी खिलाड़ियों की कोरोना जांच अनिवार्य होगी।
ओलंपिक में भाग लेने वाले एथलीटों का जापान में आने से पहले और आने के बाद कोरोना टेस्ट किया जाएगा। ओलंपिक गेम्स के दौरान हर 4 दिनों पर उनका कोरोना टेस्ट किया जाएगा। हालांकि, खिलाड़ियों को एक राहत जरूर दी गई है। जापान में उतरने के बाद उन्हें क्वारंटीन नहीं होना पड़ेगा। अपने-अपने मुकाबलों से सिर्फ 5 दिन पहले से खिलाड़ी ओलंपिक विलेज में रह सकेंगे। ओलंपिक विलेज से खिलाड़ी सीधे अपने मुकाबलों के लिए जाएंगे।
प्रतियोगिता में हिस्सा लेने आए खिलाड़ियों को पार्टी करने या दर्शनीय जगहों की यात्रा करने, घूमने-फिरने की इजाजत नहीं होगी। टोक्यो-2020 को-ऑर्डिनेशन कमीशन के प्रमुख और आईओसी के वाइस-प्रेसीडेंट जॉन कोट्स ने बताया कि खिलाड़ी सिर्फ ओलिंपिक विलेज तक सीमित रहेंगे। वहां से वे अपने मुकाबलों और ट्रेनिंग वाली जगहों पर ही जा सकेंगे।
कोरोना महामारी के मद्देनजर बहुत मुमकिन है कि ओलिंपिक खेल से दर्शकों को दूर रखा जाएगा। अगर ऐसा हुआ तो टिकट के रूप में करोड़ों रुपए के राजस्व का नुकसान होगा। टोक्यो ओलिंपिक्स के लिए जापान में पहले ही 44.5 लाख टिकट बेचे जा चुके हैं। अगर क्लोज्ड डोर इवेंट हुए तो इन टिकटों को रिफंड करना पड़ेगा।
दर्शकों के बिना खेल हुए तो एक अनुमान के मुताबिक जापान की अर्थव्यवस्था को करीब 1670 अरब रुपए का तगड़ा झटका लग सकता है। टोक्यो ओलिंपिक गेम्स पिछले साल यानी 2020 में ही होने थे, लेकिन कोरोना महामारी की वजह से इसे टालना पड़ा। अब ये गेम्स इस साल होंगे लेकिन अभी तक इसकी तारीखों का ऐलान नहीं हुआ है। गेम्स का आधिकारिक नाम अभी टोक्यो ओलंपिक 2020 ही है। बीच में ऐसी भी रिपोर्टें आई थीं कि जापान सरकार ने इस बार के ओलिंपिक खेलों को रद्द कर सकती है, बाद में जापान सरकार ने ऐसी खबरों को बेबुनियाद बताया है।