नई दिल्ली । भारत में वैक्सीनेशन कार्यक्रम शुरू हो गया है। पहले चरण में स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े लोगों को वैक्सीन दी जा रही है। इसी बीच महिला रोग विशेषज्ञों ने महिलाओं से वैक्सीन लगवाने के बाद दो माह तक गर्भधारण नहीं करने की सलाह दी है। इससे पहले विश्व स्वास्थ्य संगठन ने गर्भवती महिला को वैक्सीन नहीं लगाए जाने की सलाह दी थी। हालांकि, गंभीर मामलों और उच्च जोखिम वाली महिला को वैक्सीन दी जा सकती है।
इस दौरान, डब्ल्यूएचओ ने वैक्सीन लगवाने से पहले गर्भवती होने की जांच कराने और टीकाकरण के बाद प्रेग्नेंसी के प्लान को आगे बढ़ाने का सलाह दी है। उन्होंने कहा है कि स्तनपान कराने वाली महिलाओं को वैक्सीन दी जा सकती है। दूध पीते बच्चों को वैक्सीन की वजह से जोखिम की संभवना कम हैं।
भारत ने 16 जनवरी से वैक्सीनेशन कार्यक्रम शुरू कर दिया है। अब तक 30 लाख से ज्यादा लोगों को टीका लगाया जा चुका है। रेन्बो चिल्ड्रन्स हॉस्पिटल की डॉक्टर सुमन सिंह ने बताया कि वह वैक्सीन न लगवाने की सलाह नहीं देती हैं। वे कपल्स को टीकाकरण के बाद कम से कम 2 महीनों तक प्रेग्रनेंसी प्लानिंग टालने के लिए कहती हैं। यूरोपियन सोसाइटी ऑफ ह्यूमन रिप्रोडक्शन एंड एंब्रायोलॉजी (ईएसएचआरई) ने सुरक्षित असिस्टेट रिप्रोडक्टिव टेक्नोलॉजी (एआरटी) को लेकर पहले जारी की गई गाइडलान की पुष्टि की है।
डॉ सुमन सिंह ने बताया कि गर्भवती महिला को वैक्सीन देने का फैसला हेल्थकेयर प्रोफेशनल से गहन चर्चा के बाद और फायदे और नुकसान पर विचार करने के बाद लिया जाना चाहिए। इसलिए एसएचआरई, एआरटी के होने वाले प्रभावों की निगरानी करने और वैक्सीन लगवाने वाले और बगैर टीका लगाए मरीजों से तुलना करने की सलाह देता है। हलांकि, केंद्र सरकार ने इस बात की पुष्टि कर दी है कि गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाएं कोविड वैक्सीन के किसी भी ट्रायल का हिस्सा नहीं थीं। प्रेग्नेंसी के मामले में बेहतर डेटा नहीं होने के चलते स्वास्थ्य विशेषज्ञ वैक्सीन लगावाने के बाद 8 हफ्तों तक गर्भधारण से बचने की सलाह देते हैं। क्योंकि कुछ वैक्सीनों में लाइव वायरस होते हैं, जिसकी वजह से गर्भ को नुकसान हो सकता है औऱ उसके सुनने और देखने की शक्ति प्रभावित हो सकती है।
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गर्भवती महिलाएं न लगावाएं वैक्सीन, टीका लगवाने के दो माह बाद ही करें गर्भधारण