YUV News Logo
YuvNews
Open in the YuvNews app
OPEN

फ़्लैश न्यूज़

रीजनल नार्थ

 दिल्ली से सटे पलवल में भारी सुरक्षा बल तैनात

 दिल्ली से सटे पलवल में भारी सुरक्षा बल तैनात

नई दिल्ली । तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर सिंघु बॉर्डर पर चल रहा है किसानों का धरना-प्रदर्शन 67वें दिन में प्रवेश कर गया। इस बीच पिछले कुछ दिनों से किसान आंदोलन का मुख्य केंद्र गाजीपुर बॉर्डर पर बना हुआ है।  हालात के मद्देनजर दिल्ली यातायात पुलिस ने अक्षरधाम के पास नोएडा के लिए वाहनों का मार्ग परिवर्तित किया गया है। वहीं, दिल्ली से सटे पलवल जिले में तनाव को देखते हुए मौके पर आरएएफ और पुलिस के जवान तैनात किए गए हैं। एसपी दीपक गहलावत का कहना कि दोबारा यहां पर धरना देने की नहीं अनुमति नहीं दी जाएगी। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत के आंसू देखने के बाद गाजीपुर बॉर्डर पर ही किसान प्रदर्शनकारियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इस बीच रविवार को राकेश टिकैत ने कहा है कि सरकार किसानों को अपनी बात बता सकती है। हम किसान ऐसे लोग हैं जो पंचायती राज में विश्वास करते हैं। हम कभी भी दुनिया के सामने सरकार का सिर शर्म से नहीं झुकने देंगे। राकेश टिकैत ने यह भी कहा का कि सरकार के साथ हमारी विचारधारा की लड़ाई है और यह लड़ाई लाठी डंडों, बंदूक से नहीं लड़ी जा सकती और ना ही उसके द्वारा इसे दबाया जा सकता है। किसान तभी घर लौटेंगे जब नये कानून वापस ले लिए जाएंगे। नए कृषि कानूनों के विरोधी प्रदर्शनकारियों व स्थानीय ग्रामीणों के बीच शुक्रवार को हुए हिंसक टकराव के बाद सिंघु बार्डर पर लगातार सुरक्षा के स्तर को बढ़ाया जा रहा है। रविवार को भी सुरक्षा के एक स्तर को बढ़ा दिया गया है। ऐसे में अब यहां छह स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था हो गई। शनिवार को पुलिस ने कुंडली से बिल्कुल सटे दिल्ली की सीमा में राष्ट्रीय राजमार्ग की खोदाई कर दी थी। अब रविवार को गड्ढे के आगे भी सीमेंट बैरिकेड लगाने का काम शुरू कर दिया गया। पुलिस पहले से की गई पांच स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था को भी और मजबूत करने में जुटी है। इसके लिए अब बार्डर पर टोल के निकट आठ फीट लंबे लोहे के पाइप से घेराबंदी की जा रही है। इन पर कनात लगाएं जाएंगे। रविवार को इसके लिए मजदूरों को जमीन पर निशान लगाने के साथ लोहे के पाइप वाहनों से उतारते देखा गया। पुलिस ने धरना स्थल के चारों तरफ पहले से ही बैरिके¨डग कर रखी है। ऐसे में आम लोग धरना स्थल तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। हिंसक टकराव की घटना के बाद प्रदर्शनकारियों को छोड़कर किसी आम व्यक्ति को धरना स्थल तक पहुंचने नहीं दिया जा रहा है। पुलिस ने सिंघु बार्डर से कुंडली की ओर जाने वाले लिंक रोड पर भी गड्ढे खोदकर दोनो तरफ सीमेंट के बैरिकेड लगा दिए हैं। सुरक्षा के मद्देनजर पुलिस सिंघु बार्डर पर राष्ट्रीय राजमार्ग के अलावा लिंक रोड पर अब तक कई गड्ढे खोद चुकी है। पुलिस पहले से की गई पांच स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था को भी और मजबूत करने में जुटी है। इसके लिए अब बार्डर पर टोल के निकट आठ फीट लंबे लोहे के पाइप से घेराबंदी की जा रही है। इन पर कनात लगाएं जाएंगे। रविवार को इसके लिए मजदूरों को जमीन पर निशान लगाने के साथ लोहे के पाइप वाहनों से उतारते देखा गया। पुलिस ने धरना स्थल के चारों तरफ पहले से ही बैरिके¨डग कर रखी है। ऐसे में आम लोग धरना स्थल तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। हिंसक टकराव की घटना के बाद प्रदर्शनकारियों को छोड़कर किसी आम व्यक्ति को धरना स्थल तक पहुंचने नहीं दिया जा रहा है। पुलिस ने सिंघु बार्डर से कुंडली की ओर जाने वाले लिंक रोड पर भी गड्ढे खोदकर दोनो तरफ सीमेंट के बैरिकेड लगा दिए हैं। सुरक्षा के मद्देनजर पुलिस सिंघु बार्डर पर राष्ट्रीय राजमार्ग के अलावा लिंक रोड पर अब तक कई गड्ढे खोद चुकी है। स्थानीय लोगों व प्रदर्शनकारियों के बीच हुई पत्थरबाजी की घटना के बाद कुछ लोग यहां से वापस चले गए थे और प्रदर्शनकारियों के मन में अभी दोबारा ऐसी घटना को लेकर आशंका देखी जा रही है। यही कारण है कि अब धरने के मंच से दिल्ली के लोगों से सहयोग करने की बार-बार अपील की जा रही है। जो भी वक्ता भाषण दे रहा है, वह स्थानीय लोगों से किसी बहकावे में नहीं आकर प्रदर्शनकारियों को पहले की तरह मदद करने की बात जरूर कर रहा है।
 

Related Posts