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 रालोसपा का जदयू में इसी हफ्ते हो सकता है विलय, शिक्षा मंत्री बनाए जा सकते हैं उपेंद्र कुशवाहा

 रालोसपा का जदयू में इसी हफ्ते हो सकता है विलय, शिक्षा मंत्री बनाए जा सकते हैं उपेंद्र कुशवाहा

पटना । बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली राजग सरकार का इसी सप्ताह मंत्रिमंडल विस्तार किया जा सकता है। दिल्ली में भाजपा की इस बाबत हुई उच्च स्तरीय बैठक के बाद यह चर्चा तेज हो गई है कि मंत्रिमंडल में भाजपा कोटे के नाम पर मुहर लग गई है। वहीं जदयू कोटे से उपेंद्र कुशवाहा का नाम तेजी से मंत्री पद के लिए सामने आया है। 
संभावना है कि रालोसपा नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा एक-दो दिनों के भीतर अपनी पार्टी का विलय जदयू में करेंगे। उन्हें जदयू कोटे से शिक्षा मंत्री बनाए जाने की बात तेजी से सियासी गलियारे में चल रही है। मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर दिल्ली में भाजपा की उच्चस्तरीय बैठक में यह सहमति बनने कि खबर है कि शाहनवाज हुसैन को भी बिहार में मंत्री बनाया जाएगा। संभव है कि उन्हें वित्त या फिर पथ निर्माण विभाग की जिम्मेवारी सौंपी जाए। वर्तमान में उप-मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद के पास वित्त विभाग का अतिरिक्त प्रभार है। वहीं पथ निर्माण विभाग का अतिरिक्त प्रभार स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय के पास है। भाजपा से कई युवा विधायकों के नाम मंत्री पद के लिए चर्चा में हैं।
जदयू कोटे से खबर है कि बसपा से जदयू में आए जमां खान और निर्दलीय विधायक सुमित सिंह को मंत्री पद मिल सकता है। नए लोगों में सुनील कुमार व पुराने लोगों में श्रवण कुमार, महेश्वर हजारी बीमा भारती और संजय झा के नाम चर्चा में हैं। संभव है कि जीतनराम मांझी की पार्टी हम तथा वीआईपी से भी एक-एक मंत्री बनाए जाएं। माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ कुशवाहा की तीन मुलाकातों में विलय पर सहमति बन गई है। रालोसपा का जदयू में विलय होते ही उपेंद्र कुशवाहा को जदयू कोटे से राज्य मंत्रिमंडल में जगह मिल जाएगी। इस चर्चा में यह बात भी की जा रही कि उपेंद्र कुशवाहा चाहते हैं कि वह केंद्र की राजनीति करते रहें। उनकी जगह उनकी पत्नी को राज्य मंत्रिमंडल में जगह मिले। बाद में उन्हें विधान परिषद भेजा जाए।
जदयू की सोच है कि उपेंद्र कुशवाहा को साथ लाकर बिहार में लव-कुश समीकरण को मजबूत करने में और मदद मिलेगी। हाल ही में कुशवाहा समाज के नेता को जदयू ने अपना प्रदेश अध्यक्ष बनाया है। उपेंद्र कुशवाहा को साथ जोड़कर उन्हें जदयू कोटे से शिक्षा मंत्री बनाए जाने की चर्चा है। इसके पीछे यह समीकरण है कि पूर्व में कृष्णनंदन प्रसाद वर्मा शिक्षा मंत्री थे। वह भी कुशवाहा समाज से आते थे। इस बार वह चुनाव हार गए। इसके बाद कुशवाहा समाज से चुन कर आए मेवालाल चौधरी को शिक्षा मंत्री बनाया गया। बीच में ही उन्हें इस्तीफा देना पड़ा। फिर से कुशवाहा समाज के ही नेता को शिक्षा मंत्री बनाया जाए इस कोण से भी उपेंद्र कुशवाहा को शिक्षा मंत्री बनाए जाने की चर्चा चल रही है। इसके अतिरिक्त उनके साथ एक सकारात्मक पक्ष यह भी है कि वह केंद्र में शिक्षा मंत्री का पद संभाल चुके हैं।
 

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