नई दिल्ली। पिछले कुछ समय से साइबर क्रिमिनल्स के लिए क्यूआर कोड एक हथियार की तरह काम कर रहा है। आपने भी QR कोड स्कैन करके पेट्रोल पंप या दुकानदार को ऑनलाइन पैसे दिए होंगे। लेकिन क्या आप जानते QR कोड स्कैन करने पर आप फ्रॉड के शिकार भी हो सकते है। फ्रॉडस्टर वो क्यूआर कोड को बदल देते है। जिससे आपके पैसे दुकानदार को ना जाकर फ्रॉडस्टर के अकाउंट में जाता है। क्यूआर कोड फिशिंग के अलग-अलग तरीके हो सकते है। इसके लिए स्कैमर आपको मैसेज या ई-मेल के जरिए क्यूआर कोड सेंड कर सकता है। जिसमें आपको 10,000 की लॉटरी लगने की बात कह सकता है। जिसमें आपको यूपीआई पिन देकर पैसे अपने बैंक अकाउंट में लेने को कहा जाएगा।
आप जैसे ही उस क्यूआर कोड को स्कैन करेंगे। आपसे यूपीआई पिन मांगा जाएगा। आपको लगेगा इससे पैसे आपके अकाउंट में आएंगे। लेकिन यूपीआई पिन देते ही आपके पैसे स्कैमर के अकाउंट में चले जाएंगे। इसी तरह संभावना है कि पेट्रोल पंप या किसी दुकानदार के पास आप वहां लगे क्यूआर कोड को स्कैन करके उसे पेमेंट करते हो। वहां पर स्कैमर ओरिजनल क्यूआर कोड को अपने क्यूआर कोड से बदल सकता है। जिससे क्यूआर कोड को स्कैन कर होने वाला पेमेंट स्कैमर के अकाउंट में ट्रांसफर हो जाता है। इस तरह के फ्रॉड से बचने के लिए जब भी क्यूआर कोड को स्कैन करके पेमेंट करें उस टाइम सावधानी बरतें। क्यूआर कोड को स्कैन करने के बाद उसमें रिसीवर को नाम आता है उसे जरूर कन्फर्म कर लें। मैसेज या ई-मेल में मिले कोई अनजान या नए क्यूआर कोड को स्कैन करने से बचें। क्यूआर कोड को फोन के कैमरे से सीधे स्कैन के बजाय ऐसे ऐप से करें जो क्यूआर कोड की डिटेल्स भी बताता हो। बैंक में हुए किसी गलत ट्रांजैक्शन पर तुरंत एक्शन लें।
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क्यूआर कोड स्कैन करके पेमेंट करते हैं तो होने वाले फ्रॉड से रहें सावधान -क्यूआर कोड को स्कैन करने के बाद उसमें आने वाले रिसीवर का नाम करें कन्फर्म