सोयाबीन वायदा जून में 3,675 रुपए के स्तर के नजदीक खरीदारी जारी रह सकती है। डॉलर के मुकाबले रुपए में कमजोरी आने और कम कीमतों पर बेहतर मांग की वजह से कीमतें 3,770-3,780 रुपए तक पहुंच सकती है। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय और चीन के कस्टम विभाग के चीनी बाजार के लिए अधिक कृषि उत्पादों को स्वीकृति देने के भारत के लंबित अनुरोध् से संबंधित मुद्दों पर चर्चा करने के बाद कारोबारियों को उम्मीद की किरण दिख रही है। परिणामतः सोयामील के लिए डॉफ्रट प्रोटोकॉल को जल्द ही अंतिम रुप दिया जाएगा। इसके विपरीत अमेरिकी सोयाबीन वायदा जुलाई अपने 10 साल के निचले स्तर के पास कारोबार कर रहा है और अमेरिकी-चीन के बीच व्यापार को लेकर बढ़ते तनाव के दबाव में 8 डॉलर प्रति कुशल से नीचे टूटता है तो आगे भी गिरावट जारी रह सकती है। दोनों देशों के बीच पिछले हफ्ते उभरे मतभेदों को पाटने की संभावना तक समझौते को लेकर अनिश्चिता बनी हुई है। सोया तेल वायदा की कीमतों को रुझान पूरी तरह से डॉलर के मुकाबले रुपए के कारोबार पर निर्भर करेगा, जो यूएस और चीन के बीच बढ़ते व्यापार युद्ध के कारण कमजोर हो रहा है, जिससे आयात महंगा हो गया है। निचले स्तर की खरीदारी के कारण पिछले चार हफ्ते से सरसों वायदा जून की कीमतों को 3,755 रुपए का सहारा मिल रहा है। आगामी दिनों में दक्षिण कोरिया, थाईलैंड, वियतनाम और कुवैत जैसे प्रमुख आयातक देशों से रेपसीडमील की मजबूत निर्यात मांग के कारण कीमतों में 3,900-3,930 रुपए तक बढ़त दर्ज की जा सकती है।