आम बजट में इस बार वेतनभोगियों को राहत मिलने की जो आस लगी थी, आयकर छूट के दायरें में कोई परिवर्तन नहीं होने से उसे अतत: निराशा हीं हाथ लगी। इस बजट से सबसे ज्यादा असंतोश वेतनभोगियों के बीच से उभरकर सामने आने वाला है जिसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ना स्वाभाविक है। इस बजट में सरकार ने 75 वर्श से ज्यादा उम्रदार देश के वरिश्ठ नागरिकों को पेंशन से मिलने वाली आय को आयकर से मुक्त करने की बात अवश्य की है पर इससे आम जनजीवन यापन करने वाले अधिकांश जनों को कोई राहत नहीं। देश को सर्वाधिक टैक्स देने वाला वर्ग वेतनभोगी ही है और देश के वेतनभोगी पर ही सबसे ज्यादा जिम्मेवारी भी है। उसके वेतन में बढ़ोतरी तो होती है पर बाजार भाव में बढ़ी महंगाई के अनुपात में उसका वेतन छोटा होता जा रहा है। आयकर का दायरा बढ़ता जा रहा है। जिसके कारण आज सबसे ज्यादा दु:खी देश का वेतनभोगी ही है। जो हर वर्श आने वाले आमबजट में आयकर छूट दायरे में बढ़ोत्तरी की आस लगाये बैठा रहता है। इस वर्श के आमबजट में भी उसे पूर्व बजट की तरह निराशा ही हाथ लगी।
आम बजट में सरकार द्वारा कई जनहितकारी योजनाओं की घोशणाएं की गई है पर ये योजनाएं अमजनहितकारी कितनी सफल हो पायेगी यह तो आनेवाला समय ही बता पायेगा। क्योंकि सरकार की कथनी एवं करनी में काफी अन्तर आज तक पाया गया है। यहीं कारण है कि सरकार द्वारा घोशित नई कृशि नीति का विरोध जारी है जिसे सरकार किसानों के हित में बता रही है। यदि यह नई कृशि नीति किसानों के हित में है तो विरोध क्यों ? इसी तरह इस आम बजट में पेटोल एवं डीजल पर कृशि सेंस लगाने से पेटोल एवं डीजल की कीमत में वृद्धि होना स्वाभाविक है जिससे महंगाई निश्चित तौर पर बढ़ेगी पर सरकार की ओर से दलील दी जा रही है कि इस सेंस से पेटोल एवं डीजल की कीमत किसी भी कीमत पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा। इसी तरह आम बजट में सरकार अपनी आय बढ़ाने के लिये विनिवेश की योजना पर अमल करने जा रही है जिसके तहत एयर इंडिया एवं एल आई सी के सेयर बाजार में बेचने की बात की जा रही है। सरकार का विदेशी विनिवेश पर भी ज्यादा जोर नजर आ रहा है। विनिवेश विकास के लिये किया जाना अच्छी प्रक्रिया है पर इसे स्वहित में किया जाना देशहित में कदापि नहीं माना जा सकता।
आम बजट में कुछ अच्छी योजनाएं नजर आ रही है सिमें इस बार के बजट में सरकार द्वारा स्वास्थ्य परियोजना पर ज्यादा घ्यान दिया जाना मानव हितकारी है जो आने वाले समय में भयानक संक्रामक रोग से बचाने में आमजनजीवन के लिये उपयोगी सिद्ध हो सकता है। मानव रहित अंतरिक्ष मिशन की योजना देश के गौरव को बढ़ा सकती है। आम जन को सुलभ आवास उपलब्ध कराने की योजना भी जनहितकारी है। पर सरकार का जो बजट के माध्यम से निजीकरण करने की प्रक्रिया पर जो जोर दिया जा रहा है वह प्रयास सरकारी सम्पदा एवं योजनाओं को संरक्षण देने में होता तो ज्यादा बेहतर माना जा सकता। बजट में वेतनभोगियों को जो देश को अपनी सकल आय से ईमानदारी से टैक्स चुकाते आ रहे है, उन्हें राहत दिये जाने की जरूरत थी पर ऐसा इस बार के भी बजट में भी नजर नहीं आया जिससे उन्हें निराशा हुई।
डॉ. भरत मिश्र प्राची
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आम बजट से वेतनभोगी निराश! -