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 नंदादेवी ग्लेशियर टूटने से तपोवन क्षेत्र में ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट को पहुंचा भारी नुकसान, जोशीमठ-मलारी पुल बहा    

 नंदादेवी ग्लेशियर टूटने से तपोवन क्षेत्र में ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट को पहुंचा भारी नुकसान, जोशीमठ-मलारी पुल बहा    

नई दिल्ली । उत्तराखंड के चमोली जिले में जोशीमठ के पास आज सुबह नंदादेवी ग्लेशियर टूटने से आई बाढ़ की वजह से तपोवन क्षेत्र में ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट को भारी नुकसान पहुंचा है। इस प्राकृतिक आपदा की वजह से धौली गंगा के किनारे रहने वाले लोगों का जीवन संकट में पड़ गया है। बाढ़ से जोशीमठ-मलारी पुल भी बह गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया उत्तराखंड में दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति पर लगातार नजर रख रहा हूं। भारत उत्तराखंड के साथ खड़ा है और देश वहां सभी की सुरक्षा के लिए प्रार्थना करता है। 
भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की टीमें उत्तराखंड के बाढ़ प्रभावित इलाकों के लिए रवाना की गई हैं, जहां जोशीमठ में ग्लेशियर टूटने से रविवार को धौली गंगा नदी में भीषण बाढ़ आ गई है। आईटीबीपी के एक अधिकारी ने बताया कि बल की 200 कर्मियों वाली दो टीमें जोशीमठ से बाढ़ प्रभावित इलाकों की ओर रवाना हो गई हैं। चीन के साथ लगी वास्तविक नियंत्रण रेखा की रक्षा के लिए आईटीबीपी की इकाइयां जोशीमठ में मौजूद रहती हैं। 
एनडीआरएफ के महानिदेशक एसएन प्रधान ने कहा कि जैसे ही आपदा की खबर मिली, दो टीमें देहरादून से जोशीमठ के लिए रवाना हो गईं। उन्होंने कहा, हम दिल्ली के निकट हिंडन वायुसेना अड्डे से तीन-चार और टीमों को हवाई मार्ग से रवाना करने पर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुछ और समय के बाद नुकसान का ठीक-ठीक अनुमान लगाया जा सकता है। राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल की महानिनरीक्षक रिद्धिम अग्रवाल ने कहा कि ऋषि गंगा बिजली परियोजना पर काम कर रहे 150 से अधिक श्रमिक प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित हुए हैं। 
उन्होंने कहा कि विद्युत परियोजना के प्रतिनिधियों ने मुझे बताया है कि वे परियोजना स्थल पर काम कर रहे लगभग 150 श्रमिकों से संपर्क नहीं कर पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि पौड़ी, टिहरी, रुद्रप्रयाग, हरिद्वार और देहरादून समेत विभिन्न जिलों के प्रभावित होने की आशंका है और उन्हें हाई अलर्ट पर रखा गया है। हालांकि विस्तृत जानकारी की प्रतीक्षा है।
 

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