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 उत्तराखंड हादसे के बाद पीएम मोदी-अमित शाह ने किया  सीएम रावत को फोन

 उत्तराखंड हादसे के बाद पीएम मोदी-अमित शाह ने किया  सीएम रावत को फोन

चमोली । उत्तराखंड के चमोली जिले की ऋषिगंगा घाटी में ग्लोशियर के टूटने से अलकनंदा और इसकी सहायक नदियों में अचानक आई विकराल बाढ़ के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को फोन किया है। उन्होंने मुख्यमंत्री से घटना से जुड़ी पूरी जानकारी ली। प्रधानमंत्री कार्यालय से जारी बयान के अनुसार, असम दौरे के दौरान ही, पीएम नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड में हालात की समीक्षा की। उन्होंने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और अन्य शीर्ष अधिकारियों के साथ फोन पर बात की है। उन्होंने बचाव और राहत कार्य का जायजा लिया। अधिकारी प्रभावितों को हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए काम कर रहे हैं। वहीं, गृह मंत्री अमित शाह ने भी स्थिति की समीक्षा की है। उन्होंने बताया, उत्तराखंड में प्राकृतिक आपदा को लेकर, मैंने सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत, आईटीबीपी और एनडीआरएफ के महानिदेशकों से बात की है। संबंधित सभी अधिकारी लोगों को बचाने के लिए युद्ध स्तर पर काम कर रहे हैं। एनडीआरएफ की टीमें बचाव कार्य के लिए रवाना हो गई हैं। देवभूमि को हर संभव मदद मुहैया कराई जाएगी। इससे पहले त्रिवेंद्र सिंह रावत ने ट्वीट करके बताया था कि राहत की खबर यह है कि नंदप्रयाग से आगे अलकनंदा नदी का बहाव सामान्य हो गया है। नदी का जलस्तर सामान्य से अब एक मीटर ऊपर है लेकिन बहाव कम होता जा रहा है। राज्य के मुख्य सचिव, आपदा सचिव, पुलिस अधिकारी एवं मेरी समस्त टीम आपदा कंट्रोल रूम में स्थिति पर लगातार नज़र रख रही है। नदियों में आई बाढ़ के बाद गढ़वाल क्षेत्र में अलर्ट जारी कर दिया गया है और चमोली जिले के निचले इलाकों में खतरा देखते हुए राज्य आपदा प्रतिवादन बल और जिला प्रशासन को सतर्क कर दिया गया है। बता दें कि पहाड़ी से ग्लेशियर का एक हिस्सा टूटकर डैम पर गिर गया, जिससे डैम का एक हिस्सा क्षतिग्रस्त होने से डैम का पानी तेजी से अलकनंदा नदी में जाने लगा। अलकनंदा नदी का प्रवाह बढ़ने से केंद्रीय जल आयोग ने अपनी सभी चौकियों पर अलर्ट जारी किया है। तपोवन बैराज पूरी तरह से ध्वस्त हो गया है। घटना के बाद से कई लोग लापता बताए जा रहे हैं। चमोली से हरिद्वार तक खतरा बढ़ने से अलर्ट जारी हो गया है। पुलिस व एसडीआरएफ की टीमें नदी किनारे की बस्तियों को लाउडस्पीकर से अलर्ट करने के साथ ही खाली कराने में जुट गई है। ऋषिकेश में भी गंगा नदी से बोट राफ्टिंग संचालकों को हटाया जा रहा है।
 

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