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सावधान ! केवल मुख्यमंत्री की बेटी ही नहीं , आप भी हो सकते ऑनलाइन ठगी के शिकार 

सावधान ! केवल मुख्यमंत्री की बेटी ही नहीं , आप भी हो सकते ऑनलाइन ठगी के शिकार 

रोजाना दिन में दस बार टी वी पर विज्ञापन आता है कि किस – किस  प्रकार ऑनलाइन ठगी की जा रही है सावधान रहे ।ठगों ने भी यह विज्ञापन देखा होगा और वो कर दिखाया जिसकी कल्पना किसी ने न की होगी। तू डाल – डाल  मैं पात-पात की कहावत को चरितार्थ कर दिल्ली के मुख्यमंत्री की बेटी को ही ठग कर अपना झंडा गाड़ दिया। हाल की  यह घटना है देश की राजधानी  दिल्ली की। देश की राजधानी दिल्ली को पढ़े-लिखे लोगों वाले शहरों के रूप में जाना जाता है। युवाओं की बात हो तो ये बात और पक्की हो जाती है कि वह पढ़ा लिखा होगा उसे आसानी के साथ बेवकूफ नहीं बनाया जा सकता है। अख़बारों में छपे समाचार के अनुसार दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल की बेटी ऑनलाइन ठगी का शिकार हो गई। अरविन्द केजरीवाल की बेटी हर्षिता केजरीवाल ने ओएलएक्स पर सोफा बेच रही थी और उनसे एक व्यक्ति ने खुद को खरीदार बताते हुए 34,000 रुपये की ठगी कर ली। बताते है कि  दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की बेटी हर्षिता केजरीवाल ने एक सोफा की ब्रिक्री के लिए ओएलएक्स पर सूचना दी थी। एक व्यक्ति खरीदार बनकर उनसे संपर्क किया। भरोसा जीतने के लिए उसने हर्षिता के खाते में छोटी रकम ट्रांसफर की। इसके बाद उसने एक क्यूआर कोड भेजा और उनसे स्कैन करने की बात कही। बस फिर क्या था कोड स्कैन होते ही हर्षिता के खाते से 20,000 रुपये कट गए।जब उनके खाते से पैसे कट गए तो इसपर हर्षिता ने उस व्यक्ति से शिकायत की तो उसने कहा कि गलती से ऐसा हुआ। ऐसी ही प्रक्रिया फिर से करने पर हर्षिता के खाते से 14,000 रुपये कट गए। घटना हो जाने के बाद अब पुलिसिया जाँच चल रही है आशा है परिणाम अच्छे ही होंगे | एक मुख्यमंत्री की बेटी होने के नाते हर्षिता ने कभी सपने में भी नहीं सोचा रहा होगा कि ठगी की घटना उनके साथ भी हो सकती है। हर्षिता खुद आईआईटी पास हैं, बेहद शिक्षित हैं बेहद समझदार हैं लेकिन उनके साथ भी इस तरह का ठगी किया जाना बताता है कि आम लोगों की क्या हालत रहती होगी और यह ठग उनसे किस तरह की ठगी करते होंगे
नौजवान ही ठगी का शिकार नहीं होते स्वयं लेखा यानि मैंने एक सोफा बेचने के लिए ओएलएक्स पर विज्ञापन डाला था। एक सन्देश आया कि हमने यह सोफा आपके दिए भाव 2500 में खरीद लिया है । मुझे बोला गया कि अपना फ़ोन न.भेजो। हमारे फोन न. भेजने पर सामने वाले ने बोला कि यह सोफा हमारा हो गया पेमेंट के लिए आपकी बैंक की डिटेल भेजो तो हम आपको इसका ऑनलाइन पेमेंट हम कर देते हैं । मेरा माथा ठनका कि न देखा न भाला , बिना देखे भाले पेमेंट हो रहा है जरुर कुछ गड़बड़ है। हमने सी ओ डी  यानि केश ओन डिलेवरी की मांग करी। उसने कहा कि हम केवल ऑनलाइन बैंक पेमेंट ही करते है। हमारे नकारने पर उसने फोन काट दिया तब हमें यकीन हो गया कि हम ठगी के शिकार होने जा रहे थे। यह सब इतनी जल्दी होता है कि आपके सोचने और विचारने के मार्ग बंद हो जाते है व ठगी करने वाला अपना खेल खेल चूका होता है।
इंटरनेट का इस्तेमाल आज के युग में लगभग बड़ी आबादी करती है । खासतौर पर युवा वर्ग आधुनिकता की ओर पूरी तरह से आकर्षित है ।डिजिटल बनना अच्छी बात है ज़िंदगी आसान हो जाती है। आनलाइन माध्यम से पेमेंट लेना और देना भी भारत की तरक्की को दर्शाता है आधुनिकता का संदेश देता है। इसीलिए भारत सरकार भी लगातार डिजिटल इंडिया का नारा देती रहती है। लेकिन जब आम इंसान आधुनिक होगा तो ज़ाहिर सी बात है ठग या चोर भी तो आधुनिक होंगे।आज के दौर में जहां भारत में आनलाईन माध्यम से पैसों के लेन देन का चलन बढ़ा है वहीं दूसरी ओर आनलाइन माध्यम से होने वाले क्राइम भी बढ़े हैं। हमारी साइबर सेल की पुलिस भी कम ही मात्रा में है जबकि ऐसे मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. साइबर ठगी के मामले हर साल तेजी के साथ उछाल मार कर वृद्धि कर रहे हैं। आजकल क्यूआर कोड, वेबसाइट लिंक, मोबाईल ऐप्लीकेशन, डेटिंग ऐप और केवाईसी के नाम पर ये ठगी बड़े पैमाने पर चल रही है।लेनदेन की प्रक्रिया को डिजिटल इंडिया में जितना आसान बनाया जा रहा है उतने ही आसानी के साथ इस तरह के ठगी के मामले भी बढ़ रहे हैं। तेज़ी से बढ़ रहे इन मामलों पर एक्शन लेते हुए लेनदेन की प्रक्रिया को और जटिल बनाए जाने के साथ साइबर अपराध कर रहे अपराधियों की पहचान करके उनसे सख्ती के साथ निपटने की ज़रूरत है। इन अपराधों पर लगाम लगाना बेहद ज़रूरी है। ठग पढ़े – लिखे या अनपढ़ , युवा यां बुजुर्ग में फर्क नहीं करता उसकों अपने हुनर से मतलब होता है सो सावधान ! केवल मुख्यमंत्री की बेटी ही नहीं , आप भी हो सकते ऑनलाइन ठगी के शिकार।
(लेखक- अशोक भाटिया )

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