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 लंबे समय बाद ऐसा पहली बार है जब भारत ने चीन की आंख में आंख मिलाकर देखा -सामरिक समझौतों पर चीन का रिकॉर्ड खराब, हमें सावधान रहना होगा:पूर्व आर्मी चीफ बिक्रम सिंह -सीमा पर बेहद तनावपूर्ण हालात के बाद अब डिसइंगेजमेंट एक अच्छी शुरुआत पर रहना होगा सतर्क

 लंबे समय बाद ऐसा पहली बार है जब भारत ने चीन की आंख में आंख मिलाकर देखा -सामरिक समझौतों पर चीन का रिकॉर्ड खराब, हमें सावधान रहना होगा:पूर्व आर्मी चीफ बिक्रम सिंह -सीमा पर बेहद तनावपूर्ण हालात के बाद अब डिसइंगेजमेंट एक अच्छी शुरुआत पर रहना होगा सतर्क

कोलकाता पूर्व सेना प्रमुख जनरल बिक्रम सिंह ने कहा है कि पिछले साल चीन के साथ स्थिति बेहद तनावपूर्ण रही थी, और अब डिसइंगेजमेंट एक अच्छी शुरुआत है। हालांकि पूर्व सेना प्रमुख ने यह भी कहा कि सामरिक समझौते को लेकर चीन का रिकॉर्ड बेहद खराब रहा है। हमें सावधान रहना होगा। उन्होंने कहा कि चीन के साथ समझौता एक अच्छी शुरुआत है और हमें इसेसतर्क रहते हुए बनाए रखना होगा। यहा एक समारोह में पूर्व सेना प्रमुख जनरल बिक्रम सिंह ने कहा कि लंबे समय बाद ऐसा पहली बार है जब हमने चीन की आंख में आंख मिलाकर देखा।
जनरल बिक्रम सिंह ने कहा कि चीन का ट्रैक रिकॉर्ड खराब रहा है। उन्होंने लगातार प्रोटोकॉल और विश्वास बहाली की कोशिशों को खराब किया है। पीएलए का नेतृत्व बहुत खराब है। उन्होंने कहा कि लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी), एक्चुअल लाइन नहीं है। दोनों तरफ से इसे लेकर अलग-अलग धारणाएं हैं। हमें यह समझना होगा कि चीनी की ओर से फिंगर 4 में आने के संदर्भ में हमें चुनौती दी गई थी। सच्चाई यही है कि हम नेतृत्व और राजनीतिक तथा सैन्य नेतृत्व की वजह से पीछे हट रहे हैं। यह सैन्य नेतृत्व के लिए बेहद ही चुनौतीपूर्ण कार्य रहा है। समारोह में इटली और रोमानिया में भारत के पूर्व राजदूत राजीव डोगरा ने कहा कि चीन ऐसा देश है जो जिस क्षेत्र पर कब्जा कर लेता है उसे कभी नहीं छोड़ता। भाजपा सांसद तापिर गाओ ने कहा कि भारत चीन को काफी टेस्ट कर चुका है। पंडित नेहरू के दौर से हम टेस्ट कर रहे हैं। सांसद गाओ ने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा सच्चाई को छुपाया है जबकि बीजेपी ने नहीं। उन्होंने कहा कि बीजेपी के पीछे की सच्चाई है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कभी कुछ छिपाया नहीं। चाहे वह पैंगोंग लेक हो या गालवान घाटी हो। मोदी के सत्ता में आने के बाद, सेना को अंतरराष्ट्रीय सीमा पर अभ्यास करने का अधिकार दिया गया। 


महुआ मोइत्रा के पास सही फैक्ट तक नहीं: रंजन गोगोई:
समारोह में पूर्व सीजेआई रंजन गोगोई ने किसान आंदोलन पर कहा कि  यदि इन सभी कानूनों को चुनौती दी जा रही है तो इस पर कुछ राजनीतिक अधिकारियों को काम करना होगा। मुझे उम्मीद है कि अदालत कुछ रास्ता निकाल सकता है। इस पर कानूनी या राजनीतिक रूप से समाधान निकालना होगा। हालांकि यह हो नहीं रहा है। जस्टिस गोगोई ने कहा, 'हम भयानक समय में जी रहे हैं।
विपक्ष के हमलों पर, गोगोई ने कहा, एक जज या पूर्व जज हमलों से नहीं घबराता। महुआ मोइत्रा के कमेंट पर गोगोई ने कहा कि उनके पास सही फैक्ट तक नहीं हैं। उन्होंने कहा कि मुझ पर आरोप लगाने वाले मेरा नाम लेने से क्यों डरते रहे। भारत के लोग बिना तथ्यों के आरोप लगाते हैं, ये समस्या है। जस्टिस रंजन गोगोई ने भारतीय न्यायपालिका के लिए रोडमैप पर बात करते हुए कहा, आप सरकार में अधिकारियों को नियुक्त करते हैं, न्यायाधीश नियुक्त नहीं कर सकते। न्यायाधीश के लिए एक पूर्णकालिक प्रतिबद्धता होती है। यह एक जुनूनी काम है। यह 24 बाई 7 की नौकरी है। 
 

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