नई दिल्ली । दिल्ली के निजी स्कूलों की प्री प्राइमरी कक्षाओं की सीटों को भरने के लिए दाखिला प्रक्रिया शुरू हो जा रही है। शिक्षा निदेशालय के निर्देश पर शैक्षणिक सत्र 2021-22 के लिए दाखिला प्रक्रिया तेज हो गई है। वहीं, स्कूलों ने भी तैयारियां जोरों पर हैं। अभिभावकों को आवेदन के समय जरूरी दस्तावेज को लेकर भ्रम बना हुआ है। पिछले सालों में संपन्न हुई दाखिला प्रक्रिया में कई स्कूलों ने बच्चों के आधार कार्ड की मांग की थी, ऐसे में कई अभिभावक बच्चे के आधार कार्ड बनवाने को लेकर असमंजस में हैं। नर्सरी में दाखिले के लिए बच्चों के आधार कार्ड लेने की शर्त पर दिल्ली उच्च न्यायालय रोक लगा चुका है। इसके बाद शैक्षणिक 2019-20 के लिए संपन्न हुई दाखिला प्रक्रिया से पूर्व में भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने स्कूलों को निर्देशित किया था कि वह दाखिले से पहले 12 अंकों वाली बायोमीट्रिक संख्या (आधार) मुहैया कराने की पूर्व शर्त नहीं रखें। इस संबंध में यूआईडीएआई ने स्कूलों को चेतावनी दी थी कि ऐसा करना न्यायालय के हालिया आदेश के खिलाफ होगा। यूआईडीएआई के मुताबिक, आधार की मांग ठीक नहीं है। यह कानून के प्रावधानों के अनुसार नहीं है। स्कूलों में दाखिले तथा बच्चों की अन्य सुविधाओं के लिये आधार मुहैया कराना अनिवार्य नहीं किया जा सकता है। शिक्षा निदेशालय की तरफ से जारी दिशा-निर्देशों के तहत नर्सरी दाखिले के लिए स्कूल अभिभावकों व बच्चों से किसी भी तरह के शैक्षणिक व पहचान संबंधी दस्तावेज की मांग नहीं कर सकते हैं। न ही स्कूल अभिभावकों और बच्चों के फोटो आवेदन के दौरान ले सकता है। आवेदन के समय स्कूल अभिभावकों से घर के पते के दस्तावेज के तौर पर कुछ चुनिंदा दस्तावेज की मांग कर सकता है। इन दस्तावेजों को निदेशालय ने चिंहित किया हुआ है। जिनमें से एक दस्तावेज को आवेदन के समय स्वप्रमाणित कर लगाया जा सकता है।
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दिल्ली नर्सरी एडमिशन के लिए बच्चे का आधार कार्ड अनिवार्य नहीं