चमोली । उत्तराखंड के चमोली में आई आपदा के बाद तपोवन पावर प्रोजेक्ट की सुरंग में फंसे लोगों को बचाने का प्रयास जारी है। सात दिन बीत चुके हैं पर बचाव दल अभी भी अंदर फंसे लोगों तक नहीं पहुंच पाया है। इस बीच रविवार तड़के सुबह रेस्क्यू टीम ने सुरंग से दो और शव बरामद किए हैं। इसके साथ ही रैणी की आपदा के बाद अबतक 40 शव बरामद हो चुके हैं। उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि तपोवन (चमोली में) में मुख्य सुरंग के किनारे से दो शव बरामद किए गए हैं। उत्तराखंड पुलिस, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ के जवान दोनों शवों निकाल रहे हैं। 7 फरवरी को आई आपदा के बाद से सुंरग में फंसे लोगों को बचाने के लिए दिन रात अभियान चल रहा है। सुरंग के अंदर एक मोड़ है, जिसे टी प्वाइंट कहा जा रहा है। माना जा रहा है कि सभी लोग वहीं फंसे हो सकते हैं पर वहां तक पहुंचने के लिए 44 मीटर का मलबा हटाना होगा। बचाव दल जितना मलबा हटा रहा है, उतना ही पीछे की तरफ आ जाता है। इससे ज्यादा दिक्कतें आ रही हैं। एनटीपीसी के महाप्रबंधक ने बताया कि बचाव दल के लोग सुरंग में 136 मीटर तक ही जा पा रहे हैं। एक सप्ताह बाद पहली बार एनडीआरएफ, एसडीआरएफ के जवानों ने बैराज की तरफ से नदी में उतर कर, बहे लोगों को पता लगाने का प्रयास किया। अब बैराज की तरफ से भी मलबा हटाने और नदी का बहाव बंद करने के प्रयास किए जा रहा हैं। इसके लिए बांई तरफ से एप्रोच रोड भी बनाई जा रही है। साथ ही रैणी गांव में स्थित ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट से भी मलबा हटाने का प्रयास तेज किया गया। डीएम स्वाति भदौरिया के मुताबिक स्थानीय लोगों की जानकारी के आधार पर भी चिन्हित स्थानों से मलबा हटाया जा रहा है। आपदा के बाद बरामद 40 में से 13 शवों की अब तक पहचान हो पाई है। इस बीच जोशीमठ कोतवाली में अबतक 14 लोगों की गुमशुदा रिपोर्ट दर्ज हो चुकी है। डीआईजी नीलेश आनन्द भरणे के मुताबिक आपदा के बाद से स्थानीय पुलिस, एसडीआरएफ, फायर सर्विस और एफएसएल दल खोज, राहत और डीएनए सैम्पलिंग के कार्यों में लगी हुई है।
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सुरंग से दो और शव बरामद सात दिन बाद भी जारी है जिंदगी बचाने की जंग