नई दिल्ली । दिल्ली पुलिस ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले ‘जूम’ एप को पत्र लिख कर, खालिस्तान समर्थक एक समूह द्वारा किसानों के प्रदर्शन के समर्थन में ‘टूलकिट’ तैयार करने के लिए 11 जनवरी को आयोजित ऑनलाइन बैठक में शामिल हुए लोगों के संबंध में जानकारी मांगी है। पुलिस ने आरोप लगाया है कि गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर परेड के दौरान राष्ट्रीय राजधानी में हुई हिंसा से कुछ दिन पहले ‘जूम’ एप पर आयोजित बैठक में मुम्बई की वकील निकिता जैकब और पुणे के इंजीनियर शांतनु सहित 70 लोगों ने हिस्सा लिया था।
इस हिंसा में 500 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हो गए थे और एक प्रदर्शनकारी की मौत हुई थी। अधिकारी ने कहा दिल्ली पुलिस ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले एप ‘जूम’ को पत्र लिख, 11 जनवरी को ऑनलाइन बैठक में शामिल हुए लोगों के संबंध में जानकारी मांगी है। संयुक्त पुलिस आयुक्त (साइबर) प्रेम नाथ ने सोमवार को आरोप लगाया था कि जैकब और शांतनु ने गणतंत्र दिवस पर हुई हिंसा से 15 दिन पहले, 11 जनवरी को ‘खालिस्तान समर्थक समूह’ पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन (पीएफजे) द्वारा ऑनलाइन जूम ऐप के माध्यम से आयोजित एक बैठक में भाग लिया था।
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गणतंत्र दिवस हिंसा से पहले निकिता समेत 70 लोगों ने की थी वीडियो कांफ्रेंसिंग, पुलिस ने जूम से मांगी जानकारी